Book Title: Sindur Prakar
Author(s): Padmavijay Gani
Publisher: Master Umedchand Raichand
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________________ EE SAXVEDIAN जाहर खबर अमारे त्यांथी जैन धर्मना दरेक जातना गुजराती हा शास्त्री टाइपना पुस्तको मलशे. 1 पंचप्रतिक्रमण (नवस्मरण तथा जीव विचारादि चारे प्रकरणो मूल-छुटा शब्दो वाक्यार्थो विवेचनो तथा तेने लगता छटा बोलो विगेरे विस्तारथी, जेनी दस आवृत्तिओ खपी जवाथी हालमांज सुधारा वधारा साथे अगीआरमी आत्ति बहार पाडबामां आवी छे ... .... की.१-४२ देवसीराइ प्रतिक्रमण अर्थ साथे पाकुं पुंटु की. 0-8-0 3 जीवविचारादि चारे प्रकरणो अर्थ विवेचन सहित०-६-० ४पामायक मूत्र.... .... ....को.. -1-0 5 बासंग्रह मोटुं जेमां पूर्वाचार्यों तथा आधुनीक आचार्योए बनावेली पूजाओ सहित भाग 71-8 6 प्राचीन स्तवन संग्रह गुजराती. .... की. 1-07 नीत्य स्मरण स्तोत्र संग्रह तथा जैन वार्षीकपणे आवृत्ति त्रीजी.... .... की. 1-8-0 8 देववंदनमाला गुजराती .... ....की.०-१२-० ते सिवाय दरेक जातना जैन धर्मना पुस्तको अमारं त्यांथी मलशे. मलबार्नु ठेकाणुं: मास्तर उमेदचंद रायचंद. पांजरा पोळ-अमदावाद. RRENESIREE BE

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