Book Title: Simandharswami Lekh
Author(s): Pradyumnasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 8
________________ 116 खंति 10.2 होश, उमंग मोरु 1.1, 7.3, 7.4 मारो, मारु खिण 3.4 क्षण मोहणवेलि 32.2 मोहनवेल, चित्रावेलि खोडि 8.2 क्षति रडिउ 5.4 रुदन चंदु 21.1 चंद्रमा रयणि 6.1 रात्रि छांना 7.3 गुप्त रंगरेलि 28.2 आनंद जाउं बलिहारी 17.1, 22.2, वारी रानइ 5.4 जंगलमां जाउं रीझवणुं 38.2 प्रसन्नता, राजीपो टंका 37.1 नाj रुहाडि 2.2 इच्छा, अभिलाषा तंबोलर्छ 38.2 खावानुं नागरवेलर्नु पान रेह 8.4 रेखा-रेख तोरडइ 6.3 तारा विरी 37.2 वेरी, शत्रु तोरी 17.1 तारी विहाइ 2.4 शोभे दाझि 6.4 दाझे, बळे विझ 30.2 विध्याचळ पर्वत दूबलु 7.4 दुर्बळ वेधक 38.2 प्रियजन देखि 35.2 जोइने वेधडइ 6.2, 6.4 विरहव्याकुळतामां, देसडि 4.1 देशमा आसक्तिमां नीसरइ 1.2 नोकळे वेधडु/ वेधीडा 15.2, 17.2 वियोग, नेहडइ 8.4 हेतमां नेहडा 24.2 स्नेह, प्रीति वेधिइ 26.1 आसक्तिथी पाखइ 36.2 विना, सिवाय वेधीउ 6.3 वींध्यु भमि 13.2 भमे सलूणा 17.1 सुंदर भंजि 10.1 भांगो, दूर करो, निवारो संच 18.1 युक्ति, उपाय भुंइ 31.1 भूमि, भोंय सिंया 4.1 शा माटे भेटडी 18.2 मळवू ते सुगुण 11.1 गुणवान . भ्रमि 31.2 भ्रमर (आंखनी) सुरंगइ 33.1 आनंदभेर माझिभराति 40.2 मधराते सुहणा 6.2, 10.2 स्वान मांम 23.1 मोटाइ, मोभो सूडिला 3.1 पोपट मिसि 34.1 शाही हुंत 4.2 होत, थात मुझ-सिउं 14.2 मारी साथे विरह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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