Book Title: Siddhhem Shabdanushasan Laghuvrutti Vivran Part 04
Author(s): Mayurkalashreeji
Publisher: Labh Kanchan Lavanya Aradhan Bhuvan

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Page 373
________________ ૩૬૬ નંબર| સમાસ અર્થ विड । સમાસનું નામ ७५४. परीतत् | तत्पु० ७५५. नीक्लेदः ५६.| नीवारः ચારે બાજુથી परि तनोति વિસ્તાર પામનાર ભીંજાઈ જવું नि क्लेदनम् (घ) | घास, पान्य, ] नि वरणम् (घ) | घास, पान्य, रोइपुं| नि वरणम् . (घ) नमा २3नार | प्रति वेशनम् (4uोशी) 94६. नीवारः ७५७. प्रतीवेशः ७५८. प्रतिवेशः ५८. . विषादः ખેદ કરવો वि सदनम् " 960. निषादः बेस, मिtala] नि सदनम् , | ७६१. नीकाशः નિકાશ કરનાર नि काशते (अच्) ७६२. वीकाशः । शोभा पामनार |वि काशते (अच्) 1953. प्रकाशः પ્રકાશ કરનાર | प्रकाशते (अच्) ७६४. ऋषीवहम् । तेनामनुं नगर ऋषेः वहम्, वहति इति वहम् (अच्)| १६५. मुनीवहम् मुनेः वहम् 966 पीलुवहम् पीलूनाम् वहम् ७६७. दारुवहम् । ' | दारूणाम् वहम् | ५४ी तत्पु० "

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