Book Title: Siddhhem Shabdanushasan Laghuvrutti Vivran Part 01
Author(s): Mayurkalashreeji
Publisher: Labh Kanchan Lavanya Aradhan Bhuvan
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न् + च्
२०० સ્થાની નિમિત | કાર્ય | સૂત્રનંબર | સૂત્ર
| १-3-30 म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। | १-3-3२ अदीर्घाद् विरामैकव्यअने। १-3-30 म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। १-3-3२ अदीर्घाद् विरामैकव्यजने। १-3-८ नोऽप्रशानोऽनुस्वारा
ऽनुनासिकौ चपूर्वस्याऽधुट्परे। न् + च । | १-3-3२ अदीर्घाद् विरामैकव्यजने।
च. १-3-3८ म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। न् + च् |ञ्च् | १-3-६० तवर्गस्य श्चवर्ग-वर्गाभ्यां
योगे च-ट वर्गों। - न् + छ श्छ् । १-3-८ | नोऽ प्रशानोऽनु स्वारा -
ऽनुनासिकौ च पूर्वस्याऽधुट्परे। . न् + छ । न्न्छ | १-3-3२ | अदीर्घाद् विरामैकव्यजने।
म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। न् + छ १-3-६० तवर्गस्यश्चवर्ग-ष्टवर्गाभ्यां योगे
च-टवर्गो। न्न् ज् | १-3-3२ | अदीर्घाद् विरामैकव्यजने। न् + ज् | १-3-3c म्नां धुइवर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। | ज १-3-६० तवर्गस्य श्चवर्ग-ष्टवर्गाभ्यां
योगे च-टवर्गों। न् + झ् न् न झ१-3-3२ | अदीर्घाद् विरामैकव्यअने।
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१-3-3८
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