Book Title: Siddhhem Shabdanushasan Laghuvrutti Vivran Part 01
Author(s): Mayurkalashreeji
Publisher: Labh Kanchan Lavanya Aradhan Bhuvan
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૨૧૬ स्थानी मार्ग | भूत्रनगर। सूत्र
म् +ण (अनु.)(ण)ण १--१४ | तौ मु मौ व्यञ्जने स्वौ। म् + ण् मम्ण |१-3-3२ | अदीर्घाद् विरामैकव्यञ्जने। म् + त् रत् १-3-८ पुमोऽशिट्यघोषेऽख्यागि रः। म् + त् (मनु.)न् त् |१-3-१४ | तौ मु मौ व्यअने स्वौ। म् + त् म् म् त् | १-3-3२ अदीर्घाद् विरामैकव्याने। म् + त् त् १-3-3८ म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। म् + थ् रथ् १-3-८ पुमोऽशिट्यघोषेऽख्यागिरः। म् + थ् (मनु.)न् ८ /१--१४ | तो मु मौ व्यअने स्वौ। म् + थ् म् मथ् | १-3-3२ | अदीर्घाद् विरामैकव्यअने। म् + थ् न् थ् | १-3-3८ | म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। म् + द् (अनु.)न् द् |१-३-१४ । तौ मु मौ व्यजने स्वौ। म् + द् म्म्द् |१-3-3२ | अदीर्घाद् विरामैकव्यजने। म् + द् न्द् |१-3-30 म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। म् + (मनु.)न् थ् | १-३-१४ | तौ मु मौ व्याने स्वौ। म् +ध् म् मध |१-3-3२ अदीर्घाद् विरामैकव्यजने। म् + ध् न् १-3-3८ म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। म् + न् (मनु.)नन् |१-3-१४ तो मुमौ व्यजने स्वौ। म् + न् म् म् न् | १-3-3२ | अदीर्घाद् विरामैकव्याने। म् + प् प् १-3-८ | पुमोऽशिट्यघोषेऽख्यागि रः। म् + प (अनु)म् प् | १-3-१४ | तौ मु मौ व्यअने स्वौ। . म् + प् म् म् प् | १-3-3२ अदीर्घाद् विरामैकव्यअने। म् + प् म् प् | १-3-3८ | म्नां धुड्वर्गेऽन्त्योऽपदान्ते। म् + फ् रफ् १-3-८ पुमोऽशिट्यघोषेऽख्यागिरः। म् + फ् (मनु)म् फ् | १-३-१४ | तौ मु मौ व्यजने स्वौ। म् + फ् म् म्फ | १-3-3२ अदीर्घाद् विरामैकठ्यअने। म् + फ् म् फ् | १-3-3८ | म्नां धुड् वर्गेऽन्त्यो ऽपदान्ते।। म् + ब (मनु.)म् ब् | १-३-१४ | तो मु मौ व्यअने स्वौ।
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