Book Title: Siddhantasarasangrah
Author(s): Narendrasen  Maharaj, Jindas Parshwanath Phadkule
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 324
________________ * 2005 1-25 जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापूर. प्रकाशित ग्रंथ ( हिन्दी विभाग) मराठी विभाग 1 रत्नकरण्ड श्रावकाचार : रु. 12-00 1 तिलोयपण्णत्ति भाग 1: 2 महामानव सुदर्शन : रु. 1-25 2 यशस्तिलक अँड इंडियनकल्चर : 3 भ. कुंदकुंदाचे रत्नत्रय: 1-50 3 पाण्डवपुराण : रु. 12 4 आर्यादशभक्ति : 5 नित्यनैमित्तिक जैनाचार : 4 प्राकृतशब्दानुशासन : 6 जीवंधर : 1-75 5 सिद्धांतसारसंग्रह : रु. 10 7 पांडवकथा: रु. 2-00 6 जैनिझम इन् साउथ इंडिया 8 अंतिम उपदेश: 0-40 9 रत्नाची पारख: 7 जम्बूदीवपण्णत्ति संग्रह : 0-60 10 सम्यक्त्वकौमुदी कथा: 1-75 8 कुंदकुंदप्राभृतसंग्रह : 11 भ. नेमिनाथ चरित्र : 1-00 9 भट्टारकसंप्रदाय : 12 भ. ऋषभदेव : 10 पद्मनंदी पंचविंशति : 13 जसोधर रास : 4-00 14 जिनसागरांची समग्र कविता : रु. 4-00 11 आत्मानुशासन : 15 जीवंधर पुराण : 2-00 12 गणितसारसंग्रह: 16 धर्मामृत : 3.00 13 लोकविभाग : रु.१० 17 परमहंस कथा: 2-00 14 पुण्यास्रवकथाकोष : 18 चक्रवती सुभौम: 1-25 19 जैनधर्म : 5-00 15 जैनिझम इन् राजस्थान : 20 श्रेणिक चरित्र : 4-00 16 विश्वतत्वप्रकाश : 21 भ. पार्श्वनाथ व भ. महावीर : रु. 1-00 17 तीर्थवंदनसंग्रह : 22 पवनपुत्र हनमान : 1-00 23 श्री यशोधर चरित्र: रु. 1-25 18 प्रभाप्रमेय : 24 कुमार प्रीतिकर : रु. 0-75 19 एथिकल ड्राक्ट्रिन्स इन् जैनिझम : रु. 12 25 भारतीय जैन सम्राट : 0-15 20 पाश्र्वाभ्युदय : 26 तत्वार्थसूत्र: र. 3-00 21 जैन व्हयू ऑफ लाईफ : 27 भारतीय संस्कृतीस जैन धर्माची देणगी: रु. 15-00 22 चंद्रप्रभचरितम् : 28 स्वयंभू स्तोत्र: रु. 2-50 29 सती चेलना: रु. 2-00 कन्नड विभाग 30 पराक्रमी वरांग: रु. 1-25 1 रत्नकरंडश्रावकाचार 31 सबोध दृष्टांत : 1-25 32 कथा पंचक: रु. 1-50 2 जैनधर्म 33 प्रद्युम्न चरित्र : रु. 6-00 3 भारतीय संस्कृतिगे जैनधर्मद कोडुगे रु. 12 / 34 विश्वसमस्या : रु. 0-75 आगामी प्रकाशन- ज्ञानार्णव, धवल षट्खंडागम भाग 1, धर्मरत्नाकर, रइदु ग्रंथ, शीघ्र प्रकाशित हो रहे है। धवल शास्त्राकार-भाग 7 से 12 प्राप्य- रु. 12. धवल ग्रंथाकार-भाग 9 से 16 प्राप्य- रु. 12... * रु. 15 Jan prary.org

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