Book Title: Siddha Siddhanta Paddhati
Author(s): Kalyani Mallik
Publisher: Poona Oriental Book House Poona

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Page 164
________________ इह संसौ पाई ऐ पैले । अब बोई ऐ ते आगें फलै । इह संसार करम की बारी । जबलग सरधा सक्ति संसारी ॥१०॥ पहेलै कीया स अब भुगतावै । जो अब करे स आ पावै । जैसा दीजै तैसा लीजै । तातै तन धरनी कां कीजै ॥११॥ अजपा जपनां तपबिन तपनां । धुनि गहै धरिबा ध्यानं । जोग सहारं पाप प्रहारं । जैसा अदभुत ग्यान ।। १२ ।। अजपरजायनां वप्रचिन तपन । अनि गदै धरिजा ध्यान ॥ इति जलंधरी पावजी की सबदी।

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