Book Title: Shwetambar Murtipuja Sangh Sammelan Prastav
Author(s): Akhil Bharatiya Jain Shwetambar Murtipujak Shree Sangh Samiti
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Shwetambar Murtipujak Shree Sangh Samiti

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Page 11
________________ १० (१) सेठ श्री कस्तुरभाई लालभाई (२) सेठ श्री केशवलाल लल्लुभाई झवेरी (३) सेठ श्री छोटालाल त्रिकमलाल पारेख (४) सेठ श्री अमृतलाल कालिदास दोशी (५) सेठ श्री बाबुभाई छगनलाल श्रोफ (६) सेठ श्री मोतीलाल वीरचंद शाह (७) सेठ श्री मनसुखलाल चुनीलाल महेता कार्यकारिणी समिति चार सदस्यों को को-ओप्ट करेगी । कार्यकारिणी समिति की सभा का कोरम चार सदस्यों का होगा । और जो सदस्य, बिना अनुमति के, लगातार तीन बैठक में अनुपस्थित रहेगा उसके स्थान पर नये सदस्य की नियुक्ति की जायगी। अपनी कार्यवाही के लिए कार्यकारिणी समिति आवश्यक नियम और उपनियम बना सकेगी। (४) कार्यालय : समिति का कार्यालय अहमदाबाद में रहेगा और उसका खर्चा, संचालन आदि की व्यवस्था कार्यकारिणी समिति करेगी । (५) प्रादेशिक समितियाँ : अपने कार्य को यथावत् पूर्ण करने के लिए कार्यकारिणी समिति अमुक अमुक शहरों में एवं अमुक अमुक गाँवों की बनी हुई प्रादेशिक समितियों की रचना करेगी । (६) कार्यक्षेत्र : (अ) श्रमणसंघ में जहाँ कहीं प्रथम प्रस्ताव में निर्दिष्ट क्षतियाँ ज्ञात होंगी, समिति उन्हें दूर करने का प्रयत्न करेगी। इसके लिए साधुसमुदाय में से अथवा श्रावकवर्ग में से जिस किसी को ऐसी जो भी क्षति मालूम पडे उसकी सूचना वह कार्यकारिणी समितिको दे । समिति को पता लगने पर वह उसकी उचित जाँच करेगी और संबन्धित साधुसमुदाय के आचार्य महाराज आदि नायक को इस मामले से अवगत

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