Book Title: Shwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 546
________________ विदेश विभाग : लंडन - लेस्टर यु.के. (४८७ लंडन - लेस्टर यु.के. 0000-8000000000 श्री पार्श्वनाथ भगवान-श्री शांतिनाथ भगवान-श्री महावीर स्वामी यहाँ देरासर में श्री पार्श्वनाथजी, श्री शांतिनाथजी और श्री महावीर स्वामी की प्रतिमाजी है । रविवार ता.२६-७-८७ के शुभ दिन पर प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी । जैन सेन्टर नामक संस्थाने एक चर्च को खरीदकर जिन मंदिर के अनुसार फेरफार किया है। यु.के. में यह सब से प्रथम जिन मंदिर है। ****** मीठी लागी छे मने मूरति सोहामणी, हैयामां हर्ष अपार रे; स्वामीजी सेवकने तारजो. मीठी १ ब्रह्मचारी नेमजी तारा गुणो संभारतां, उतरे करत केरो भार रे; स्वामीजी सेवक ने तारजो मीठी. २ चन्द्रवदन प्रभु तारुं निहाळतां, हृदयसागर उल्लसाय जो; स्वामीजी सेवकने तारजो मीठी...३ आत्म कमलनी लब्धि ल्हेरावजो, मेलववा मुकित निवासजो; स्वामीजी सेवकने तारजो मीठी. ४ लंडन - लेस्टर जैन देरासरजी XX

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