Book Title: Shrutsagar Ank 2000 01 010
Author(s): Manoj Jain, Balaji Ganorkar
Publisher: Shree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर स्थित सम्राट संप्रति संग्रहालय में संरक्षित भरुच से प्राप्त जिन धातु प्रतिमाएँ आसित शाह भरूच गुजरात का प्रसिद्ध नगर है. नर्मदा नदी पर स्थित यह नगर प्राचीन काल में भृगु कच्छ के नाम से प्रचलित था. यहाँ स्थित जिन मंदिर के पास कुछ वर्ष पूर्व खुदाई में 78 धातु निर्मित जिन प्रतिमाएँ प्राप्त हुई थीं, जिनमें तीर्थंकर पार्श्वनाथ की 31, शांतिनाथ की 8, आदिनाथ की 7, अर्हत महावीर की 4, चंद्रप्रभ की 2. विमलनाथ की 1, कुंथुनाथ की 1 एवं 24 अज्ञात जिन प्रतिमाओं का समावेश होता हैं. इनमें से कुछ प्रतिमाएँ परम पूज्य राष्ट्रसंत आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज की प्रेरणा से एवं श्री भरूच जैन संघ की उदारता से आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर के सम्राट् संप्रति संग्रहालय में संगृहीत की गई हैं. सलेख प्रतिमाएँ वि. सं. 1143 से 1391 के बीच की हैं. प्रतिमाओं के पीछे अंकित ज़्यादातर लेख नष्टप्राय है या घिस चुके हैं. फिर भी इनमें से 16 प्रतिमाओं के वाच्य लेखों को यहाँ पर प्रकाशित किया जा रहा है. 1. तीर्थंकर पार्श्वनाथ - त्रितीर्थी जिन प्रतिमा - विक्रम संवत 1143. (परिग्रहण क्र. 67) सप्तफणों से युक्त तीर्थंकर पार्श्वनाथ सिंहासन पर मध्य में पद्मासनस्थ मुद्रा में विराजित हैं. दोनों ओर कायोत्सर्ग मुद्रा में अन्य दो तीर्थकर खड़े हैं, जिनकी पहचान संभव नहीं हैं. सिंहासन के नीचे दो नागचक्र के बीच कुंभ का अंकन है. पीठिका के ऊपर, सिंहासन के एक छोर पर सर्वानुभूति यक्ष एवं [शेष पृ. 11 पर SHES Book Post/Printed Matter प्रेषक : सेवा में संपादक, श्रुत सागर आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र कोबा, गांधीनगर 382 009 (INDIA) फोन: (02712) 76252,76204,76205 फेक्स :91-2712-76249 प्रकाशक : सचिव, श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा, गांधीनगर 382 009. 16 For Private and Personal Use Only

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