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श्रुतसागर
सितम्बर-२०१९ उन्होंने बतलाया कि जन्मदिवस मनाना तो एक व्यवहार मात्र है, परन्तु वास्तव में इसके निमित्त जीवदया, अनुकम्पा तथा श्रुतभक्ति जैसे महान कार्य होते हैं, इसलिए मैं मौन सहमति देता हूँ। उन्होंने गद्गद स्वर में अपने गुरुदेव के उपकार को स्मरण करते हुए कहा कि ये जो भी सुकृत हो रहे हैं, उनमें पूज्य गुरुश्री की कृपा का ही प्रभाव है। अन्त में उन्होंने उपस्थित सभी गुरुभक्तों को अन्तर्हृदय से आशीर्वाद प्रदान किया।
पूज्यश्री के जन्मदिवस के निमित्त राजनगर के विभिन्न संघों के जिनालयों में प्रभुजी की भव्य आंगी, जीवदया, अनुकम्पा तथा अभयदान आदि की विविध प्रवृत्तियाँ, विद्यार्थियों को अभ्यास हेतु अध्ययन सामग्री का वितरण, लोकोपकार के कार्य आदि का सुन्दर आयोजन किया गया था।
आज के ८५वें जन्मदिवस को “सेवादिन” के रूप में मनाने के उद्देश्य से निःशुल्क नेत्रकैम्प का आयोजन किया गया था, जिसमें अनेक लोगों ने लाभ लिया था। छोटे-बड़े गाँवों में २०हजार से अधिक वस्त्रों का वितरण किया गया, सरकारी स्कूलों तथा अस्पतालों में फलों तथा मिठाईयों के पैकेट बाँटे गए। साथ ही अनाज के किटों का भी वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त अभयदान के द्वारा जीवदया के क्षेत्र में भी सुन्दर कार्य किए गए।
इस सम्पूर्ण महोत्सव का मुख्य लाभ मातुश्री शांताबेन शांतिलाल भूदरमल अदाणी परिवार तथा विशिष्ट सहयोगी के रूप में श्री भरत कुमारपाल कांकरिया, श्री किरणकुमार जयकुमार परम बेंगानी, श्री मदनलालजी ओटमलजी वेदमूथा, रेवतडा, बैंगलोर के द्वारा लिया गया। मुख्य लाभार्थी गुरुभक्त मातुश्री शांताबेन शांतिलाल भूदरमल अदाणी परिवार की तरफ से उपस्थित मेहमानों के लिए नवकारशी तथा समारोह के अन्त में स्वामिवात्सल्य का लाभ लिया गया इसके साथ ही लाभार्थी व गुरुभक्त परिवार की तरफ से उपस्थित सभी को तिलक कर संघपूजन किया गया। दि. ९-९-२०१९ को अनुष्ठानपर्व के रूप में जिनालय में “संतिकरं स्तोत्र अभिषेक अनुष्ठान” किया गया।
कोबा में पर्युषणपर्व की भव्य आराधनाजापमग्न प.पू.आचार्य श्री अमृतसागरसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र में पर्युषण की आराधना हेतु अलग-अलग संघों-गाँवों में से तथा कोबा व कुडासण के आसपास बने नये फ्लेट व सोसायटियों में से काफी मात्रा में आराधक पधारे थे। महावीरजन्मवांचन के दिन १४ स्वप्न व अष्टमंगल के चढावे, जीवदया, साधारण की टीप वगेरा में अभिवृद्धि नजर आई भी। क्षमापना के साथ सांवत्सरिक प्रतिक्रमण की आराधना भी अच्छी हुई थी।
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