Book Title: Shrutsagar 2019 01 Volume 05 Issue 08
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 34
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 34 जनवरी-२०१९ समाचारसार पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराजा का इन्दौरनगर में भव्यातिभव्य प्रवेश परमपूज्य राष्ट्रसन्त आचार्य भगवन्त श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. आदिठाणा का दि. ३०-१२-२०१८ रविवार के दिन मध्यप्रदेश के इन्दौरनगर में मंगलमय प्रवेश हुआ। इस प्रवेश महोत्सव में श्वेताम्बर जैन मूर्तिपूजक श्रीसंघ कालानीनगर, श्री नीलवर्णा पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट, कंचनबाग तथा श्री वीरमणि चन्द्रप्रभस्वामी जैन श्वेताम्बर मन्दिर एवं उपाश्रय रिलीजियस ट्रस्ट, ओएसिस टाउनशिप इन्दौर ने भाग लिया था। प्रातःकाल ९.०० बजे कंचनबाग से शोभायात्रा का प्रारम्भ हुआ, जिसमें संगीत के साथ भजनों की प्रस्तुति करती हुई महिलाएँ, बैंड-बाजों की धुन पर आनन्दमग्न होकर थिरकते हुए युवावर्ग तथा जगह-जगह अगवानी करते हुए जैनसंघ साथ-साथ चल रहे थे। इस शोभायात्रा का समापन ९.३० बजे बास्केटबॉल रेसकोर्स रोड पर हुआ। वहाँ पहुँचकर विशाल धर्मसभा का आयोजन किया गया, जिसमें नीलवर्णा जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री विजय मेहता, श्री शान्तिप्रिय डोशी तथा श्री कल्पक गाँधी के साथ-साथ उज्जैन, देवास, रतलाम तथा नागदा सहित अनेक शहरों के गुरुभक्तों ने उपस्थिति दी थी। इस अवसर पर श्री प्रदीप कासलीवाल, श्री चन्दनमल चोरडिया, श्री हसमुख गाँधी, डॉ. प्रकाश बांगानी, श्री बीसी बेताला, श्री हंसराज जैन, श्री संजय मोगरा, श्री मनीश सुराणा, श्री शेखर गेलड़ा, श्री बसन्त लुनिया, श्री विमल नाहर, श्री अभय छजलानी आदि जैन समाज के अग्रगण्य महानुभाव भी उपस्थित थे। धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए परम पूज्य राष्ट्रसन्त ने कहा कि मनुष्य के लिए गलती को स्वीकार करना बहुत मुश्किल है। व्यक्ति का स्वार्थ और अहंकार उसे ऐसा करने से रोकता है। इसके कारण आत्मा का उत्थान नहीं हो पाता है। उन्होंने बताया कि अन्तरात्मा की आवाज उसे रोकती है, टोकती है, लेकिन वह अन्तरात्मा की आवाज को सुन नहीं पाता है। हमें इस विषय पर चिन्तन करना चाहिए । ____ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ के राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति ने इस महोत्सव की शोभा में चार चाँद लगा दिये । पूज्य राष्ट्रसन्त ने उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया तथा जैनसंघ के अग्रगण्य महानुभावों के द्वारा श्रीमती आनन्दीबेन पटेल का सम्मान किया गया । धर्मसभा के बाद समारोह में पधारे हुए सभी महानुभावों की साधर्मिक भक्ति की गई। वहाँ से परमपूज्य आचार्य श्री ने शौरीपुर तीर्थ की ओर प्रस्थान किया। For Private and Personal Use Only

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