Book Title: Shrutsagar 2016 05 Volume 02 12
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 33
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 31 SHRUTSAGAR May-2016 * यदि किसी विद्वान् को ऐसी कृतियों की सूची चाहिए, जिसकी भाषा संस्कृत अथवा देशी हो, जिसका स्वरूप मूल हो, जिसका प्रकार पद्य हो, जिसके कर्ता यशोविजय अथवा ज्ञानविमल हों तथा जो वि.१८०० से २००० के बीच लिखी गई हो तो इस प्रकार की शोध के लिए कृतिशोध वाले प्रपत्र में विद्वान् नाम वाले खाने में यशोविज/ज्ञानविमल, भाषा के खाने में संस्कृत और प्राकृत का चयन करेंगे, कृति स्वरूप में मूल का चयन करेंगे और संवत् में विक्रम का चयन करके १८०० से २००० का रेंज देंगे तो यशोविजयजी गणि तथा ज्ञानविमलसूरि के द्वारा वि. १८०० से २००० के बीच रचित सज्झाय, स्तवन आदि २१ कृतियों की सूची कम्प्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी. आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर के अधिकांश ग्रन्थों को स्कैन कर तथा उसके विषयसूची को भी स्कैन कर उसका TOC बनाकर उस ग्रन्थ के साथ लिंक कर दिया गया है. अतः प्रकाशन के शोध प्रपत्र में बाईं ओर सबसे नीचे Praksn PDF TOC वाले खाने में “वीर जिन” टाईप कर शोध करने से हजारों प्रकाशनों की सूची उनके पेटांकों के साथ कम्प्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी. इस सूची में वैसे सभी प्रकाशनों के नाम आएँगे, जिसके किसी न किसी पेटांक में वीरजिन शब्द आता हो. इस सूची में लघुस्तोत्ररत्नाकर नामक ग्रन्थ है, जिसका TOC देखने से ४६ नंबर के पृष्ठ पर वीरजिन स्तुति नामक कृति मिल जाती है, इसके अतिरिक्त उस पुस्तक के Bookmark भी बनाए जाते हैं, जिसके आधार पर यह जाना जा सकता है कि उस पुस्तक के कौन से पृष्ठ पर कौन सी कृति प्रकाशित है? * आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में मुनि श्री दीपरत्नसागरजी द्वारा सम्पादित सभी आगम डिजीटल फॉर्मेट में उपलब्ध हैं. उन आगमों में आनेवाले किसी भी शब्द से यह शोध किया जा सकता है कि यह शब्द कौन-कौन से आगम में हैं, उस शब्द के आगे-पीछे के पाठांश भी देखने को मिलते हैं. इसके लिए Aagam text नामक फाईल में सबसे ऊपर दाहिनी ओर वाले खाने में “सूरियाभदेव” टाईप करने से राजप्रश्नीयसूत्र का वह भाग, जिसमें यह शब्द है, उसके आगे-पीछे के कुछ हिस्से के साथ कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देता है. For Private and Personal Use Only

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