Book Title: Shrutsagar 2016 05 Volume 02 12
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 34
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 32 श्रुतसागर मई-२०१६ * इसके अतिरिक्त नोटपैड प्लस-प्लस प्रोग्राम के अन्तर्गत चयनित फोल्डर में उपलब्ध संस्कृत-प्राकृत के टेक्स्ट डॉक्यूमेन्ट्स में कोई भी शब्द या वाक्य ढूँढना हो, तो उसे आसानी से ढूँढा जा सकता है. इस प्रोग्राम में अपेक्षित शब्द या वाक्यांश लिखकर जिस जगह सारे डॉक्यूमेन्ट्स रखे गए हों, उसका Path दिखाने पर कम्प्यूटर सभी फाईलों में जाकर ढूँढता है और वह शब्द या वाक्यांश जहाँ भी हों, वे सारी फाईलें और उसकी लाईनें लिंक के रूप में दिखा देता है. जिस लिंक पर क्लिक किया जाएगा, कर्सर उस लाईन पर चला जाएगा. इससे टेक्स्ट रेफरेन्स ढूँढने में बहुत आसानी होती है. हस्तप्रत सम्पादन कार्य में यदि हस्तप्रत अपूर्ण हो और उसके बीच के पत्र हों तो जहाँ से भी पाठ मिलता हो, वहाँ के वाक्यांश ढूँढने पर वह वाक्यांश कौन सी कृति का है, यह तुरन्त मिल जाता है. इसप्रकार आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर की शोधपद्धति एक विशिष्ट और अद्वितीय शोधपद्धति है, जो ग्रन्थालय विज्ञान के क्षेत्र में एक विशेष उपलब्धि मानी जाती है और जिसका प्रयोग मात्र इस ज्ञानमन्दिर में ही होता है. अन्य ग्रन्थालयों में किसी भी ग्रन्थ को उसके नाम से ही जाना जाता है, परन्तु आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में किसी भी ग्रन्थ से सम्बन्धित सूचनाओं को प्रकाशन, कृति, हस्तप्रत, विद्वान, प्रकाशक, ग्रन्थमाला आदि भागों में विभक्त कर दिया जाता है, और यहाँ की विशिष्ट शोध पद्धति में किसी भी सूचना की शोध करते समय उन आठों भागों तथा उनके अन्तर्गत समाहित अन्य छोटी-छोटी सूचनाओं के विशाल सागर में से अपेक्षित सूचनाओं का संकलन किया जाता है. प्राप्त अल्पतम सूचनाओं के आधार पर जो विवरण प्राप्त होते हैं, वे बहुत ही अल्प समय में प्राप्त होनेवाले प्रामाणिक व सटीक विवरण होते हैं. इससे वाचक तथा संशोधक के समय की बचत होती है, जिस समय का उपयोग वे अपने अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों में कर सकते हैं. For Private and Personal Use Only

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