Book Title: Shrutsagar 2016 05 Volume 02 12
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 31
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org SHRUTSAGAR 29 May-2016 प्रकाशन, हस्तप्रत, कृति, विद्वान अथवा मैगेजिन के अंकों की शोध के लिए किया जानेवाला एडवान्स सर्च काफी असरकारक सिद्ध होता है. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एडवान्स पॉवर सर्च- इस शोधपद्धति के अन्तर्गत अपेक्षित विवरण कहीं भी, किसी भी रूप में लायब्रेरी प्रोग्राम में प्रविष्ट किया गया हो, तो अवश्य मिलता है. इस पद्धति से शोध करने हेतु एडवान्स पॉवर सर्च वाला विकल्प चयन करने पर एक बॉक्स खुलता है, जिसमें ऊपर की तरफ टाईप करने के लिए एक छोटा सा बॉक्स होता है, उस बॉक्स में जो भी शब्द टाईप किया जाता है, वह शब्द पूरे लायब्रेरी प्रोग्राम में कहीं भी किसी भी रूप में प्रविष्ट किया गया हो, नाम में, आदिवाक्य में, अन्तिमवाक्य में अथवा रिमार्क में, उसे तुरन्त ही ढूँढकर ला देता है. उदाहरण के लिए यदि कृति के एडवान्स सर्च में जीवनचरित्र लिखा जाए और उसके नीचे कृति को टिक् कर दिया जाए तो कुल ९७७ कृतियों की सूची कम्प्युटर स्क्रीन पर आ जाती है, जिन कृतियों के कृति नाम में, आदिवाक्य में, अन्तिमवाक्य में, अथवा रिमार्क में जीवनचरित्र शब्द आता हो. यह पद्धति Google की तरह काम करती है. शोधपद्धति की विशेषताएँ - शोधपद्धति में कुछ ऐसी सूक्ष्मताओं का उपयोग किया गया है, जिसके कारण किसी भी सूचना की शोध असरकारक सिद्ध होती है. उन सूक्ष्मताओं की एक छोटी सी झलक - * यदि चाहें तो शोध प्रपत्र में लिखे गए शब्दों के बीच के स्पेस (खाली जगह) कम्प्यूटर में नहीं गिनता है. अर्थात् कोई भी नाम स्पेस के साथ लिखा गया हो अथवा बिना स्पेस के, उसे प्रोग्राम अवश्य ढूंढकर लाता है. को * यदि चाहें तो शोध प्रपत्र में ह्रस्व-दीर्घ को भी कम्प्यूटर एक जैसा गिनकर रिजल्ट देता है. * शोध प्रपत्र में किसी भी अनुनासिक वर्ण को प्रोग्राम स्वयं ही अनुस्वार में बदलकर शोध करता है. * शोध प्रपत्र में लिखे गए शब्द नाम के प्रारम्भ में, बीच में या अन्त में कहीं भी आएँ, उन्हें सरलता से व अल्प समय में ढूंढा जा सकता है. For Private and Personal Use Only

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