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SHRUTSAGAR
अलंकार घटित होता है ।
इस प्रकार भक्तामर स्तोत्र का आंशिक अलंकारशास्त्रीय अध्ययन से कुछेक अलंकारों का सामान्य परिचय प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, अगर विस्तार पूर्वक अध्ययन किया जाए तो एक-एक छंद में अनेकों अलंकार एवं एक-एक अलंकार अनेकों बार प्रयुक्त है। इससे यह लघुकाय भक्तिकाव्य साहित्यिक गुणों से परिपूर्ण आदर्श भक्तिकाव्य के रूप में प्रस्तुत होता है।
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गाथा
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क्षति स्वीकार वोल्युम-2 अंक-9
अशुद्ध
सघलइ ए टेव
मुखइ
खमासणत्ति
संदे सावुं
छट्ठेइ
पोसा दोसा
मिच्छाइ दुक्कड
कुंकूमना
भणसइ
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March-2016
शुद्ध
सघलाइ टेव
मुखि
खमासण उत्ति
संदेसा
छट्ठइ
पोसा दोए
मिच्छा दुक्कड
कुंकुना
भणेसइ