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SHRUTSAGAR
March-2016 का नाम तथा पुस्तक की भौतिक स्थिति दर्शायी जाती है तथा सबसे नीचे उस ग्रन्थमाला के अन्तर्गत प्रकाशित प्रकाशनों में उपलब्ध कृतियों के नाम, उसके कर्ता का नाम, उसका स्वरूप मूल, टीका, अनुवादादि, उसका प्रकार गद्यपद्यादि, उस कृति का आदिवाक्य, अन्तिमवाक्य तथा उसका परिमाण दर्शाया जाता है.
उदाहरण के लिए सिंघी जैन ग्रन्थमाला से प्रकाशित पुस्तकों की सूची देखने के लिए पुस्तक शोध-प्रपत्र के ग्रन्थमाला वाले खाने में ग्रन्थमाला का नाम लिखकर शोध करने से इस ग्रन्थमाला के द्वारा प्रकाशित कुल ६२ प्रकाशनों की सूची तुरन्त ही कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देने लगती है.
उस सूची में सर्वप्रथम पुस्तक का नाम है- “LIFE OF HEMCHANDRACHARYA” इस पुस्तक का प्रकाशक है- सिंघी जैन ज्ञानपीठ, कलकत्ता, यह पुस्तक ई. १९३६ में प्रकाशित हुई है, इस पुस्तक के लेखक हैं डॉ. मणिलाल पटेल तथा इस पुस्तक की तीन नकल ज्ञानमन्दिर में उपलब्ध हैं.
मासिक पत्रिका आधारित शोध पद्धति : यदि वाचक किसी मासिकसाप्ताहिक पत्रिका-मैगेजिन का नाम लेकर आए और कहे कि आपके पास अमुक मासिक पत्रिका के कौन-कौन से अंक हैं, उन अंकों में से मुझे अपने लिए उपयुक्त अंक चयन करना है.
जिसमें कोई विशिष्ट लेख छपा है. तो इस प्रकार की शोध करने के लिए लायब्रेरी प्रोग्राम के मैगजिन-अंक के नाम वाले फिल्ड में उस अंक का नाम लिखकर शोध करेंगे तो उस पत्रिका के सभी अंकों की सूचनाएँ कम्प्यूटर स्क्रीन पर आ जाएँगी.
आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में उन सभी अंकों के वार्षिक बाईन्ड बनवाकर रखे गए हैं. उस बाईन्ड में से वाचक को अपेक्षित अंक निकलवाकर उसे दे दिया जाता है. मैगजिन में जितने भी महत्त्वपूर्ण लेख छपे होते हैं, वे लेख उस अंक के पेटांकों में उपलब्ध लेखों की सूची में देखे जा सकते हैं? उस सूची में से वाचक अपने लिए उपयोगी लेखों का चयन कर सकता है.
(क्रमशः)
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