Book Title: Shrutgyan Amidhara
Author(s): Kshamabhadrasuri
Publisher: Shrutgyan Amidhara Gyanmandiram

Previous | Next

Page 8
________________ त्यारपछी तो पूज्यपाद स्व. आचार्यदेवश्री क्षमाभद्रसूरीश्वरजी महाराजना समुदायना विद्यमान पू. मुनिराजोए आ प्रकाशनने वेग आप्यो; अने ग्रंथ ट्रंक समयमांज प्रगट थाय छ । आ ग्रंथना प्रकाशनमा जे भाग्यशाळी भाइआले आर्थिक सहाय करी छे, तेमनो आ तके महान आभार मानीए छीए; तेमज घणी काळजी राखवा छतां ग्रंथना प्रीन्टींगमा जे भूलो रही जवा पामी छे; ते क्षन्तव्य गणी शुद्धि-पत्रकमांथी सुधारी लेवा विनंति छे। शुद्धिपत्रक तैयार करी आपनार पू. मुनिराजश्री नित्यानंदविजयजी महाराजने आ तके भूली शकता नथी । बीजं, प्रथमावृत्तिमा जे ग्रंथोनो संग्रह हतो ते ग्रंथो उपरांत नूतन आवत्तिमां 'श्री वीतराग स्तोत्र' उमेरवामां आव्यं छ । जेथी पूज्य साधु-साध्वीजी महाराजने एक अगत्यनु स्वाध्यायसाधन मली रहेशे। सौ कोइ स्वाध्यायरसिक मुमुक्षु आत्माओ आ स्वाध्याय ग्रंथने आत्मसात् करी अनंत कल्याण साधो; ते शुभेच्छा । वि. सं. २१५ । ली. प्रकाशक : श्री पुनमचंद गोमाजी. मझगाम, जूनी बजार-पो. बो. १० मुंबई. महा वद ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 234