Book Title: Shrimad Devchandra Part 1
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
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९१६
१३
वाति
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(२२) अशुद्धिवावी गेविइझे निवाणुं निया वणस्स पादोपगम सचित्त अचित्त अंधः असंख्यता प्राणातिपात सवाच्छ निगह अंगुसेठी सयकेवलि कारणं भूतं उद्देशासना आगमनना बडिबध्ये उगवमाणो प्रपंचा
गेविज्जे निया' निया' वणस्सइ पादपोपगम अचित्त सचित्त अधः असंख्याता प्राणातिपात विरमण सवा छ
निग्गह
अंगुल सेढी सुयकेवलि कारणं तैजसम्
२५
उद्देशाना आगमना पडिबध्धे उम्गममाणो प्रपंच
९४२
कला
वेला
९४४
२४
काल
काल
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