Book Title: Shrimad Devchand Padya Piyush
Author(s): Hemprabhashreeji, Sohanraj Bhansali
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar

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Page 292
________________ श्रीमद् देवचन्द पद्य पीयूष सिद्धथया इण गिरिवरे रे, गणधर मुनिवर कोड़ि / गुण गावे ए तीर्थ ना रे, सुरवर होड़ा होड़ि रे ।।भ 0 श्री।।३॥ परमेश्वर नामे अछे रे, वीसे टूक उत्तुंग / चरण कमल जिनराजना रे, सुर पूजे मनरंग रे ॥भ० श्री।।४।। भाव सहित भेट्यो जिणे रे, गिरिवर ए गुरण गेह / .. जिन तन फरसी भूमिका रे, फरसे धन्य नर तेह रे ॥भ० श्री।।५।। नाम थापना के सही रे, द्रव्य भावनो हेत। संशय तजी सेवो तुमे रे, ठवणा तीर्थ सम्मेत रे ॥भ० श्री॥६॥ तीरथ दीठे सांभरे रे, देवचन्द्र जिन वीस / / शुद्धाशय तन्मय थई रे, सेव्या परम जगदीस रे ॥भ० श्री।।७।। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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