Book Title: Shraman ka Sthal Jal Vyom Vihar
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Z_Umravkunvarji_Diksha_Swarna_Jayanti_Smruti_Granth_012035.pdf
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________________ श्रमण का स्थल, जल-व्योम-विहार / 159 ये स्थलजलव्योम विहार पागमानुसार सिद्ध हैं / इन विहारों में होनेवाली हिंसा द्रव्यहिंसा है / इस हिंसा का प्रायश्चित्त इरियावही प्रतिक्रमण है। जो एक सामान्य प्रायश्चित्त है। वर्तमान में अपवाद-विधान वर्तमान में इन अपवाद विधानों की किसे कितनी जानकारी है, कौन किन स्थितियों में इन अपवादविधानों का किस सीमा तक उपयोग करता है, यह सर्वक्षण योग्य है / धम्मो दीवो Jain Education International For Private & Personal Use Only