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दंसणा इयार - सुतं चारित्रातिचार
पडिक्कमण-सुतं तस्स सव्वस्स-सुत्तं
नमुक्कार-सुतं
सामाइ सुत्तं
मंगल-सुतं
पडिक्कमण-सुतं
विहितं
सेज्जा - अइयार - पडिक्कमण- सुप्तं गोयर - अइयार - पडिक्कमण-सुत्तं
सभायादि - अइयार - पडिक्कमण-सुत्तं
एगविधादि - अइयार - पडिक्कमण-सुत्तं
निग्गंथपावयणे थिरीकरण- सुत्तं
खामेमि...
वंदणय - सुतं ( दो बार )
पंचपद - वंदना
खाणा-सुतं ८४ लाख जीवयोनि
६. पंचमं आवस्सयं
देवसिय अइयार नमुक्कार-सुत्तं
सामाइय-सुत्तं
पडिक्कमण-सुत्तं
तस्स उत्तरी
चउवीसत्थव-सुत्तं
( चार बार ध्यान में, एक बार उच्चारण)
वंद - सुतं (दो बार )
छट्ठ आवस्य
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श्रमण प्रतिक्रमण
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अईअं पच्चक्खाण-सुत्तं सक्कत्थुई (दो बार )
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नोट -- १. देवसिक या रात्रिक में चार, पाक्षिक में बारह, चातुर्मासिक में बीस और सांवत्सरिक प्रतिक्रमण में चालीस 'लोगग्स' का ध्यान ।
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