Book Title: Shodashak Prakaran
Author(s): Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
View full book text
________________
साक्षिग्रन्थानामकारादि
प्रन्थनामानि पत्रांकः । ग्रन्थनामानि . पत्रांकः अष्टकम् हारि० ५० नन्दीसूत्रम् आवश्यकनियुक्तिः ९६,१८९,२५२ पंचाशकप्रकरणम् आवश्यकसूत्रम् १५९ पंचसूत्रम्
२१२ आवश्यकसूत्रम् टी० हारि०२५२ पंचवस्तु .... उत्तराध्ययनचूणिः २४ प्रज्ञापनासूत्रम् टी. २४,१३४ उत्तराध्ययननियुक्तिः २६१ बृहत्कल्पसूत्रम् ८,२५,५८ उत्तराध्ययनसूत्रम् ३०,११६ | भगवतीसूत्रम् ओधनियुक्तिः
भगवतीसूत्रम् टी. २२६,१६९ कर्मग्रन्थः५ १३८ योगशास्त्रम् कारिंकावलि मुक्तावलिः ११८ विशेषावश्यकभाष्यम् १२५,२१२ जीवाजीवाभिगमसूत्रम् २४ विंशविशिका तत्वार्थकारिका १०१,२०७ षोडशकप्रकरणम् ३४,१५७,१९३ तरवार्थसूत्रम् टी. हारि. १०२ | समवायांगसूत्रम् १७२ तारिखकप्रश्नोत्तर ५,१९,३१ __ संबोधसप्ततिः १२७,१७६ दशवकालिनियुक्तिः २६१ सूयसूत्र व्यायानसर ८,४४ दशवैकालिकसूत्रम् १३,११६ स्थानांगसूत्रम दशवकालिकसूत्रम् टी. १६० । स्थानांगसूत्र ०५६. स. मा. १ २.२.

Page Navigation
1 ... 330 331 332 333 334 335 336