Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 17
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // भरहाहिवा हलहरा हरिणो पडिवासुदेवरायाणो। रयणाइ चउद्दस नवविहिओ तह जीव संखाओ कम्माइं अट्ठ तेसिं उत्तरषयडीण अट्ठवन्नसयं / बंधोदयाणुदीरण-सत्ताण य किं पि हु सरूवं कम्मट्ठिइ साबाहा बायालीसाउ पुण्णपयडीओ। बासीय पावपयडीओ भावछक्कं सपडिभेयं जीवाण अजीवाण य गुणाण तह मग्गणाण पत्तेयं / चउदसगं उवओगा बारस जोगा य पण्णरस परलोगगई गुणठाणएसु तह ताण कालपरिमाणं / नरयतिरिनरसुराणं उक्कोसविउव्वणाकालो सत्तेव समुग्घाया छप्पज्जत्तीओऽणहारया चउरो / सत्त भयट्ठाणाई छब्भासा अप्पसत्थाओ . भंगा गिहिव्वयाणं अट्ठारसपावठाणगाइं पि। .. मुणिगुण सत्तावीसा इगवीसा सावयगुणाणं तेरिच्छीणुक्किट्ठा गब्भट्ठिई तह य सा मणुस्सीणं / गब्भस्स य कायठिई गब्भट्ठियजीवआहारो रिउरुहिरसुक्कजोए जत्तियकालेण गब्भसंभूई / जत्तियपुत्ता गब्भे जत्तिय पियरो य पुत्तस्स महिला गब्भअजोगा जेत्तिय कालेणऽबीयओ पुरिसो। सुक्काईण सरीरट्ठियाण सव्वाण परिमाणं सम्मत्ताईणुत्तमगुणाण लाहंतरं जमुक्कोसं / न लहंति माणुसत्तं सत्ता जेऽणंतरुव्वट्टा पुव्वंगपरीमाणं माणं पुव्वस्स लवणसिहमाणं / उस्सेहआयअंगुलपमाणअंगुलपमाणाई // 54 // // 55 // // 56 // // 57 / / // 58 // // 59 //

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