Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // रययमुहा उ दहिमुहा, पुक्खरणीणं हवंति मज्झम्मि। दस चेव सहस्सा, वित्थरेण चउसट्ठिमुव्विद्धा. एकत्तीससहस्सा, छच्चेव सया हवंति तेवीसा / नगदहिसु परिक्खेवो, किंचि विसेसेण परिहीणो संखदलविमलनिम्मल-दहिघणगोखीरहारसंकासा / गगणतलमणुलिहंता, सोहंते दहिमुहा रम्मा पत्तेयं पत्तेयं, सिहरतले होंति दहिमुहनगाणं / अरहंताययणाई, सीहनिसाईणि तुंगाई जो दक्खिणअंजणगो, तस्सेव चउद्दिसि च बोद्धव्वा / पुक्खरिणी चत्तारि वि, इमेहि नामेहि विनेया पुव्वेण होइ भद्दा, होइ सुभद्दा उ दक्खिणे पासे। अवरेण होइ कुमुया, उत्तरओ पुंडरिगिणी उ अवरेणं अंजणो जो उ, होइ तस्सेव चउद्दिसिं होति / पुक्खरिणीउ नामेहि, इमेहि चत्तारि विनेया पुव्वेण होइ विजया, दक्खिणओ होइ विजयंती उ। अवरेणं तु जयंती, अवराइया उत्तरे पासे जो उत्तरअंजणगो, तस्सेव चउद्दिसिं च बोद्धव्वा / पुक्खरिणीओ चत्तारि, इमेहि नामेहि विनेया पुव्वेण नंदिसेणा, अमोहा पुण दक्खिणे दिसाभाए। अवरेण गोत्थुभा खलु, सुदंसणा होइ उत्तरओ एकासि एक्कनउया य पंचाणउइं भवे सहस्साई / नंदीसरवरदीवे; ओगाहित्ताण रइकरगा उच्चत्तेण सहस्सं, अड्डाइज्जे सए य उव्विद्धा। दस चेव सहस्साई, वित्थिण्णा होंति रइकरगा // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 // // 59 //
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