Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 14
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ // 36 // // 37 // // 38 // // 39 // // 40 // // 41 // उल्लंठवयणपडिघायकारिणो वाइणो मुणी चउरो / बाहिरदारे चउरो पडिकूलनिसेहिणो ठंति चउरो पाउग्गं से भत्तं आणिति, पाणमवि चउरो। चउरो उच्चारं परिठवंति, चउरो य पासवणं बहिया जणस्स धम्म कहिंति चउरो, तहा मुणी चउरो / चउसु वि दिसासु ठंती,सहस्सजोही उ गीयत्था जो जारिसओ कालो भरहेरवएसु होइ वासेसु / ते तारिसया तइया अडयालीसं तु निज्जवगा एए उक्कोसेणं, परिहाणीए जहन्नओ दोन्नि / एगो परिन्निपासे, बीओ पाणाइ गच्छिज्जा एक्कम्मि उ निज्जवए विराहणा होइ कज्जहाणी य / सो सेहा वि य चत्ता पावयणं चेव उड्डाहो तस्सऽट्ठगओभासण सेहाइअदाणि सो परिच्चत्तो / दाउं व अदाउं वा भवंति सेहा य निद्धम्मा कूयइ अदिज्जमाणे, मारिति बल त्ति पवयणं चत्तं / सेहा य जं पडिगया जणे अवनं पयासिति निव्वाणसुहाभिमुहो विसएसु परम्मुहो विगयमोहो / परिचत्तसयणनेहो विविहतवोविहिखवियदेहो इहलोए परलोए निरासओ चत्तकायपडिकम्मो / मरणभयं अगणितो संभावियआउपज्जंतो उल्लसियगुरुविवेगो संलेहणजायतिव्वसंवेगो / समणो व सावगो वा खवगो आराहणाजोग्गो तह पासत्थाई वा पियधम्मो चत्तसिढिलवावारो। अरिहइ भत्तपरिनं आलोइयपुव्वदुच्चरिओ // 42 // // 43 // // 44 // // 45 // यो। // 46 // . // 47 //
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