Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 08
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 11
________________ कइया वि जिणवरिंदा, पत्ता अयरामरं पहं दाउं। आयरिएहिं पवयणं, धारिज्जइ संपयं सयलं // 12 // अणुगम्मए भगवई, रायसुअज्जासहस्सविदेहि। तह वि न करेइ माणं, परियच्छइ तं तहा नूणं // 13 // दिणदिक्खिअस्स दमगस्स, अभिमुहा अज्जचंदणा अज्जा। नेच्छइ आसणगहणं, सो विणओ सव्वअज्जाणं . // 14 // वरिससयदिक्खिआए, अज्जाए अज्जदिक्खिओ साहू / अभिगमणवंदणनमंसणेण विणएण सो पुज्जो // 15 // धम्मो पुरिसप्पभवो पुरिसवरदेसिओ, पुरिसजिलो। लोए वि पहू पुरिसो, किं पुण लोगुत्तमे धम्मे ? // 16 // संवाहणस्स रण्णो, तइया वाणारसीएँ नयरीए। कन्नासहस्समहिअं आसी किर रूववंतीण // 17 // तह वि य सा रायसिरी, उल्लुटुंती न ताइया ताहि / उयरट्ठिएण इक्केण, ताइया अंगवीरेण // 18 // महिलाण सुबहुआण वि, मज्झाओ इह समत्तघरसारो। रायपुरिसेहिं निज्जइ, जणे वि पुरिसो जहिं नत्थि // 19 // किं परजणबहुजाणावणाहिं वरमप्पसक्खियं सुकयं / इह भरहचक्कवट्टी, पसन्नचंदो य दिटुंता // 20 // वेसो वि अप्पमाणो, असंजमपहेसु वट्टमाणस्स। किं परिअत्तिअवेसं, विसं न मारेइ खज्जंतं ? // 21 // धम्मं रक्खइ वेसो, संकइ वेसेण दिक्खिओ म्हि अहं / उम्मग्गेण पडतं, रक्खइ राया जणवउ व्व // 22 // अप्पा जाणइ अप्पा, जहट्ठिओ अप्पसक्खिओ धम्मो। अप्पा करेइ तं तह, जह अप्पसुहावहं होइ - // 23 //

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