Book Title: Shakalarka Samhita Saparishishta
Author(s): 
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 912
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.५अ. ऋ.सं. // 35 // बृहद पहसिष्ठो गायत्री / आद्यानां तिसृणां सरस्वती / शिष्टानां सरस्वान् / ___आधा बृहती / द्वितीया सतोबृहती / तृतीया प्रस्तारपाक्तः / | 96 बृहदुंगायिषेवों ऽसुर्यानदीनाम् / सरस्वतीमिन्महयासुवृक्तिभिःस्तोमैर्वसिष्ठरोदसी 1 उभेयनैमहिनाशुभ्रेअन्धंसीअधिक्षियन्तिपूरवः / सानोबोध्यवित्रीमरुत्साचोदराधोमघोनाम् 2 भद्रमिद्रार्कणवत्सरस्वत्यकंवारीचेततिवा॒जिनीवती / गुणानार्जमदग्निवत्स्वानाचवसिष्ठवत् 3 जनीयन्तोन्नवःपुत्रीयन्तःसुदानवः / सरस्वन्तंहवामहे 4 येतेसरस्वऊर्मयोमधुमन्तोघृतश्रुतः / तेभिननॊ ऽविताभव 5 पीपिवांसंसरस्वतःस्तनयोविश्वदर्शतः / भक्षीमहि जामिषम् 6 // 20 // 929899999999999999 // 35 // For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 910 911 912 913 914 915 916 917 918 919 920 921 922 923 924 925 926 927 928 929 930 931 932 933 934 935 936 937 938 939 940 941