Book Title: Shaddarshan Darpanam
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Gyanopasak Samiti

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Page 161
________________ ( २ ) महाराज का छठ, दीपकतप, पंचरंगीतप श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ के अम, अक्षय-निधितप, प्रथम वार श्री अर्हद् अभिषेक पूजन तथा श्री वीशस्थानक महा पूजन आदि यहां हुए हैं । आपकी ही पावन निश्रा में प्रथम बार 'छरी' पाल संघ जोधपुरगांगांणी का निकला तथा उस प्रसंग पर दूसरा संघ एक महानुभाव ने निकालने की वहां घोषणा की वास्तव में यह एक बहुत ही महत्व पूर्ण कार्य हुआ है । हे प्रकाश पुञ्ज ! जोधपुर में प्राज से चार वर्ष पूर्व आपका आगमन जैसलमेर प्रतिष्ठा के बाद हुआ था । श्री संघ का सौभाग्य था कि आपकी निश्रा में श्री भैरूबाग पार्श्वनाथ जैन तीर्थ में ११ जिनबिम्ब की प्रतिष्ठा का भव्य समारोह सम्पन्न हो सका । आपकी अनवरत साधना का ही यह प्रतिफल है कि हम यहां एकत्र हुए हैं और शासन प्रभावना पूर्वक शानदार प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न हो पाया है। वर्षों से इस जैन क्रिया भवन में मन्दिरजी की आवश्यकता व कमी हमें खटक रही थी वह पूरी हो गई है। उसके प्रेरणास्त्रोत आप ही रहे हैं । आपके स्नेह, कृपा और ज्ञान के समक्ष कोई भी संकीर्णता बाधा बन कर नहीं आती । आपके व्यक्तित्व का प्रभाव जैन एवं जैनेतर समाज के व्यक्तियों पर समान रूप से परिलक्षित होता है । आपके प्रभावशाली व्यक्तित्व की अनेक ऐसी विशेषतायें है जो समक्ष किसी भी श्रद्धालु को विनत प्रणत होने के लिये विवश कर

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