Book Title: Shabdadarsh Mahan Shabdakosh Part 02
Author(s): Girjashankar Mayashankar Mehta
Publisher: Girjashankar Mayashankar Mehta

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कोलम ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ अशुद्ध अनिर्दिशमान अनिविशमान अनुपठितन अनुपठित अनुशयानी अनुशयानो अनुशोचन अनुशोचना अनुशोच अनुशोचित अनुषङ्गि अनुषङ्ग अनेकमूति अनेकमूर्ति अनेजात् अनेजत् अनादन अनोदन शनाळू अनेकृत अंतरिक्षसद्मन् । अंतरिक्षस अन्यकारक अन्यकारक अन्योमोढा अन्योढा अवमयतन अन्वायतन अन्वन्रन्ध अन्वारब्ध अन्धारम अन्वारंभ अपदातर अपदान्तर अपभो अपभी अपपक्ष अपरपक्ष अपराद्धषत्क अपराद्धपृषत्क अपाङ्क्त्य अपाङ्क्तेय પુનરાવૃત્તિ પુનરાવૃત્તિ अपोप्रिय अपोनत्रिय जप्रतिक्रिय अप्रतिक्रिय अमावसंपत्ति अभावसंपत्ति अभिधानी अभिधानी अभिलक्ष्प अभिलक्ष्य हमन्द अमन्द મુંદર સુંદર अम्बष्टका अम्बष्टिका अम्बुधिप्रसवा अम्बुधिस्रवा अम्लबती अम्लवती अरण्यभक्षिका अरण्यमक्षिका अरुणातुज अरुणानुज રોકાનારી સ્ત્રી રેકનારી સ્ત્રી अर्कपादक अर्कपाद: अर्यक अर्चक ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ๙ ૧૧૧ ११४ १२२ ૧૨૨ १२३ १२४ ๙ ๙ ๙ ๙ For Private and Personal Use Only

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