Book Title: Satya Dipak ki Jwalant Jyot
Author(s): Kiranyashashreeji
Publisher: Atmanand Jain Sabha

Previous | Next

Page 236
________________ परिशिष्ट-३ सहायक (संदर्भ) ग्रन्थ एवं लेख सूचि Gॐ १२. नृतत्व संस्कृत ग्रन्थ :१. अभिधान चिंतामणी-श्री हेमचंद्राचार्यजी म.सा.-संपा. विजय कस्तूर सूरिजी म. अमर कोश-प्रका. धर्मचंद केवलचंद खंडोल आत्मानंद द्वा सप्तति-स्वामी योगजीवानंद सरस्वती-टीका.पं.बैजनाथ शर्मा आत्माराम पंचरंगम् काव्यम्-श्री नित्यानंद शास्त्री काव्य प्रकाश-मम्मट-डॉ.सत्यव्रतसिंह काव्यादर्श-आचार्य दंडी-अनु.व्रजरत्नदास काव्यालंकार-आचर्य भामह-भाष्यकार-देवेन्द्रनाथ शर्मा तत्त्वार्थाधिगम सूत्र-श्री उमास्वातिजी म.सा. त्रिषष्ठी शलाका पुरुष-श्री हेमचंद्राचार्यजी म.सा.. १०. द्वात्रिंशत् द्वात्रिंशिका-श्री सिद्धसेन दिवाकरजी म.सा. ११. ध्वन्यालोक लोचन-श्री आनन्दवर्धनाचार्यजी. नृतत्त्व निगम (लोकतत्त्व निर्णय) श्री हरिभद्र सुरीश्वरजी म.सा. १३. पंचवस्तु-श्री हरिभद्र सुरि म.सा.-विवे. श्री सागरानंद सूरि म.सा. १४. पंचसूत्र-श्री हरिभद्र सुरीश्वरजी म.सा.-विवे. श्रीमद्विजय भुवनभानु सूरि १५. परिशिष्ट पर्व-पूर्वाचार्य (अज्ञात) १६. प्रभावक चरित्र-श्री प्रभाचंद्र सूरिजी म.सा. १७. बृहत् शान्ति स्तोत्र-शिवादेवी (श्री नेमिनाथ भ.की माता) १८. श्री भक्तामर स्तोत्र-श्रीमानतुंगसूरिजीम. १९. महादेव वीतराग स्तोत्र-श्री हेमचंद्राचार्यजी म.सा. २०. योग विशिका-उपा.श्री यशोविजयजी म.सा. अनु. धीरजलाल महेता २१. लघुजातक-(ज्योतिष कल्पतरु) २२. श्री विजयानंदाभ्युदयम् महाकाव्यम्-पं.हीरालाल वि.हंसराज । २३. श्री विजयानंद सुरीश्वर स्वतनम्-श्री चतुर विजयजी म.सा. वेदान्त कल्पद्रुम-महात्मा शीवव्रतलालजी वर्मन् २५. शब्द चिंतामणी-संपा. सवाइलाल वि. छोटालाल वोरा शब्दादर्श (महानकोष)-भाग-१ शास्त्री गिरिजाशंकर मयाशंकर महेता. २७. शब्दादर्श (महानकोष)-भाग-२ शास्त्री गिरिजाशंकर मयाशंकर महेता. शास्त्र वार्तासमुच्चय-उपा. श्री यशोविजयजी म.सा. षड्दर्शन समुच्चय-भाग-१ आ. हरिभद्र सुरीश्वरजी म.-भारतीय ज्ञानपीठ ३०. षोड़शक प्रकरण (व्याख्यान संग्रह)-प्रस्तावना-हीरालाल कापड़िया ३१. सकलार्हत् स्तोत्र-श्री हेमचंद्राचार्यजी म.सा. ३२, सन्मति तर्क-श्री सिद्धसेन दिवाकरजी म. (तत्त्वबोध विधायिनी-श्री अभयदेव सूरिजी प्रणीत) ३३. सर्वार्थ चिंतामणी-(ज्योतिष कल्पतरु) ३४. सिद्धान्त सार (ज्योतिष कल्पतरु) २६ २९. (VII) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248