Book Title: Satya Dipak ki Jwalant Jyot
Author(s): Kiranyashashreeji
Publisher: Atmanand Jain Sabha
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९९. दसवैकालिक सूत्र-शय्यंभव सूरि-अध्ययन-९/२/२ १००.जैनधर्म विषयक प्रश्नोत्तर - श्रीमद्विजयानंद सु.म.सा. अंतिम वाक्य १०१.अज्ञान तिमिर भास्कर . श्रीमद्विजयानंद सु.म.सा.-पृ.१७७ १०२.तत्त्व निर्णय प्रासाद . श्रीमद्विजयानंद सु.म.सा.-पृ.१७७-१७८ १०३.विनय प्रधान महापुरुष - श्री कुंवरजी आणंदजी-पृ.२४ १०४.न्या.जै.श्रीविजयानंद सूरि-श्रीपृथ्वीराजजी जैन . पृ.९३ १०५.श्री आत्मारामजीम. और श्रीमोहनलालजी म.-श्री रिद्धिमुनिजी-पृ.४०० १०६.सूरिजीना केटलाक जीवन प्रसंगो . मुनि श्री चारित्र विजयजी-पृ.३८ १०७.न्या.जै.श्री विजयानंद सूरि-पृथ्वीराजजी जैन-पृ.६९ १०८.न्या.जै.श्री विजयानंद सूरि-पृथ्वीराजजी जैन-पृ. १०९.जै.श्री आत्मानंदजी ज.शा.स्मा.ग्रन्थ-मुनिराज श्री चरणविजयजी म.पृ.१३९ ११०.श्री आत्मारामजी म.अने तेओश्रीना आदर्श गुणो . मुनिराज श्री चरणविजयजीम.-पृ.१४२ १११.न्या.जै.श्री विजयानंद सूरि-श्री पृथ्वीराजजी जैन पृ.९८ ११२.महान ज्योतिर्धर - अनु. श्री रंजन परमार पृ.१३७ ११३.मंत्रवादी श्रीमद्विजयानंद सूरि-यति श्री बालचंद्राचार्यजी .पृ.२० ११५.सुसंस्मरणो . सूरचंद्र बदामी पृ.६४ ११६.श्री आत्मारामजी म. अने तेओश्रीना आदर्श गुणो . मुनिराज श्री चरणविजयजीम. पृ.१३९ ११७.न्या.श्री विजयानंद सूरि-श्री पृथ्वीराजजी जैन - पृ.१५९ ११८.न्या. श्री विजयानंद सूरि-श्री सुशील - पृ.७० ११९-१२० श्री आत्मारामजी म. अने तेओश्रीना आदर्श गुणो - मुनि श्री चरण विजयजीम. पृ.१३६:१४१ 929. My acquaintance with Swami Atmaram - Jwala Sahai Mishra-P.71-72 १२२. न्या. श्री विजयानंद सूरि-श्रीसुशील पृ.४४-४५ १२३.न्या.जै. श्री. विजयानंद सूरि-श्री पृथ्वीराजजी जैन-पृ.८७ १२४.अज्ञान तिमिर भास्कर . श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म.सा.पृ१७१ १२६.आ.श्रीआत्मारामजी म.नुं व्यक्तितत्व दर्शन - श्री पोपटलाल शाह-पृ.१४ १२७.'नवयुग निर्माता' . आ. श्रीमद्विजय वल्लभ सुरीश्वरजी म. पृ.४१२
पर्व तृतीय-श्री आत्मानंदजी म.के व्यक्तित्वका मूल्यांकन-ज्योतिषचक्रके परिवेशमें १. जैन धर्म विषयक प्रश्नोत्तर . श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म.सा. . प्र.११९ २. ज्योतिष कल्पतरु - जोषी सोमेश्वर द्वारकादास · पृ.४६ ३. हस्तलिखित डायरी - श्री गौतमकुमार शाह ४,५,६ ज्योतिष कल्पतरु . जोषी सोमेश्वर द्वा. पृ.३; पृ.२५० से २६० पृ.१७ ७. हस्तलिखित डायरी - श्री गौतम कुमार शाह ८. सिद्धान्तसार (प्राचीनाचार्य) सूर्यचन्द्रश्च भौमश्च बुध ईज्यश्च भार्गवः
शनी राहुश्च केतुश्च प्रोक्ता एते नवग्रहाः ।' ९. ज्योतिष कल्पतरु . जोषी सोमेश्वर द्वा. पृ.२२ १०. लघु जातक - पूर्वाचार्य (अज्ञात) गाथा-५ ११. सर्वार्थ चिंतामणी (अज्ञात) “अथोर्ध्व दिननाथ भौमौ दृष्टिः कटाक्षेण कवी दुसून्वोः।
स्व दिनादिष्वशुभशुभा बहुलोत्तर पक्षर्योबलिनः।।
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