Book Title: Sarva Mangal Manglyam Author(s): Padmaratnasagar Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संपादकीय... महाप्रभाविक स्मरण स्तोत्र पू. साधु साध्वीजी एवं श्रावक श्राविका वर्ग में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो, इस हेतु से 'सर्व मंगल मांगल्यं' यह लघु पुस्तिका के रूप में प्रकाशन हो, और पू. साधु साध्वीजी एवं श्रावक श्राविकाओं के निवेदन को ध्यान में रखकर, नित्य स्मरण स्तोत्र करने वाले भव्यात्मा के लिये, प्रकाशित हो, यह पुनीत अभिलाषा बहोत समय से थी, जो पूर्ण होने पर आत्मिक परमानन्द प्रगट कर रहे है। ___ 'कैलास-पद्म स्वाध्याय सागर प्रथम भाग का संपूर्ण मेटर तथा 'मारो स्वाध्याय' पुस्तक में से बहुमूल्य स्तोत्र में से कुछ स्तोत्र का संकलन किया है, एतदर्थ पूज्य श्री के हम आभारी है। _ 'सर्व मंगल मांगल्यं' की पुनीत प्रेरणा मुनिश्री प्रशांतसागरजी ने की है तथा मुनि श्री पुनीतपद्मसागरजी एवं मुनि श्री पूर्णपद्मसागरजी संकलन कार्य में सहयोगी बने है उनका स्मरण भी समुचित है। स्मरण स्तोत्र का क्रमायोजन, आ.श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर स्थित कार्यरत पं.श्री नविनभाई वि. जैन ने निःस्वार्थ भावना से किया है, एतदर्थ साधुवाद के पात्र है। 'सर्व मंगल मांगल्यं' का कंपोझ तथा बटर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र स्थित कम्प्यूटर विभाग में कार्यरत श्री केतन शाह एवं श्री संजय गुर्जर ने परिश्रम कर प्रस्तुत ग्रंथ को सुंदर बनाने में अमूल्य योगदान दिया है, एतदर्थ हार्दिक अभिनंदन के पात्र है। प्रस्तुत ग्रंथ में प्रफ शुद्धि को महत्त्व दिया है, फिरभी अशुद्धि तरफ ध्यान केन्द्रित करने वालों का सहर्ष स्वीकार किया जायेगा। पुस्तक में अनामी द्रव्य सहयोगी तथा मुद्रक बिजल ग्राफिक्स का सहयोग सदा स्मरण में अंकित रहेगा। संपादक मुनि पद्मरत्नसागर For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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