Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji

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Page 14
________________ 69. इत्यादि समुदाहृतं श्रीमता भोजदेवेन / [ तदेतदाश्चर्यं यद् भोजदेवेन श्रीहर्षविरचितात् नैषधीयचरितात् पद्यमेकमपि नोदाहृतम् / ] .... . सातवाहनः-गाथासप्तशतीकर्ता प्रसिद्धः शालिवाहनो राजा शकप्रवर्तकः। गाथासप्तशत्याः 113 त्रयोदशोत्तरमेकशतं गाथानामुदाहृतं भोजदेवेन / अस्मामिर्योदाहरणानुक्रमणिका योजिता तत्रैता गाथाः सातवाहनस्य गाथासप्तशतीस्था इत्यस्माकं सहृदयैः साहित्याचार्यभट्टश्रीमथुरानाथैः साहित्याध्यापकैः सूचिताः / महाभागैरेभिः गाथासप्तशती संस्कृतभाषायामार्याभिरनूदिता, एवं व्यङ्ग्यार्थबोधिनी टीकापि विरचितेति हर्षास्पदम् 'अणुमरणपत्थिआए' गा. स. 7 / 23 'अण्णमहिलापसंगं गा. स. 1148 'अण्णह न तीरइच्चिअ' गा. स. 4 / 49 'अण्णुह णाहं कुविआ' गा. स. 2184 'अत्तात्तह रमणिज' गा. स. 18 'अमअमअगअणसेहर' गा. स. 1116 'आलाओ मा दिजउ' गा. स. 6 / 14 'आलोअंति दिसाओ' गा. स. 6 / 46 'उद्धच्छो पिअइ जलं' गा. स. 2061 'गम्मिहिसि तस्स पासं' गा. स. 77 'घरिणिघणत्थणपेल्लण' गा. स. 6161 'घरिणीए महाणसकम्मलग्ग' गा. स. 1 / 13 'चत्तर धरिणी पिअदंसणाअ' गा. स. 1 / 36 'चिंताणिअदइअसमागमम्मि' गा. स. 1160 ['पाअडिअणेह'='पअडिअसणेह' ] गा. स. 2 / 99 'सा तइ सहत्थदिण्णं' गा. स. 2 / 94 [टीकाकोंः श्रीरामसिंहो नेपालाभिजनः, जगद्धरश्च चतुर्थपरिच्छेदटीकाकर्ता काश्मीरकः सुप्रसिद्धो वासवदत्तादिटीकाकर्तेति ज्ञेयम् ]

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