Book Title: Sanskrut Nibandh Shatakam
Author(s): Kapildev Dvivedi
Publisher: Vishvavidyalay Prakashan

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Page 343
________________ ३२६ संस्कृतनिबन्धशतकम् निबन्ध-संख्या विषयाः पृष्ठाङ्काः २. दार्शनिका निबन्धाः ११. भारतीय-दर्शनानां महत्त्वम्-AU-66. १२. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन-IAS-77. १३. नास्ति सांख्यसमं ज्ञानम् १४. एकं सांख्यं च योगं च०-PCS-67. १५. नास्ति योगसमं बलम्-PCS-68. १६. ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या-AU-66, 74; MU-70, 72. (क) सर्वं खल्विदं ब्रह्म-ALD-72, 73; DLI-67; AU - 69. ३. काव्यशास्त्रीया निबन्धाः १७. वाक्यं रसात्मकं काव्यम्-IAS-70, 75, 78; PCS-61, ALD-70; ___DLI-67, AU-50, 63; GKP-72. (क) काव्यलक्षणम्-IAS-76; GKP-71. १८. काव्यं हि वक्रोक्तिप्रधानम्-IAS-65. १९. रीतिरात्मा काव्यस्य-IAS-69; GKP-71. काव्यस्यात्मा ध्वनिः-IAS-77; ALD-74; AU-69; GKP-72, 73. विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्-IAS-77; ALD-71; AU-68, 73; MU-73. (क) रससिद्धान्तः-AU-63, 68. (ख) रसो वै सः-ALD-73; GKP-71; MU-71. २२. वैदर्भी ललितक्रमा-AU-68. २३. शब्दार्थयोः......"पाञ्चाली रीतिरिष्यते-AU-69. २४. काव्यशोभाकरान् धर्मान्-IAS-71. २५. सत्यं शिवं सुन्दरम् २६. एको रसः करुण एव-IAS-76; PCS-62; ALD-72; DLI-69. २७. शब्दशक्तयः ४. साहित्यिका निबन्धाः २८. कालिदासस्य सर्वस्वमभिज्ञानशाकुन्तलम्-IAS-75. २९. उपमा कालिदासस्य-IAS-63, 71, 78; PCS-57, 62, 78; AU-63.

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