Book Title: Sanskrit Prakrit Hastlikhit Grantho Ki Suchi
Author(s): Chandika Prasad Shukla and Others
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan

Previous | Next

Page 16
________________ वैदिक : संहिताएं और साहित्य आकार (से.मी.) प्र० पृ० लिपिकाल विशेष विवरण क्षर दशा/परिमाण प्र०५० (अनु० छन्द में) ८(ग) ८(घ) ९ ५३ | ५ | १२ | पूर्ण/९९ । | १२४ १३.५ - - । | पुरुषसूक्त पर भाष्य महर्षि शौनककृत २१.४४८.२ . | ३६४ ७ ३१ | पूर्ण/२५४८ | १६९४ वि० लिपिकाल की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण २१४१० | अपूर्ण/२०८ २४.५४११ | ७५ | ७ | २८ | पूर्ण/४५९ १९१७ वि. १५४१० १६ | पूर्ण/८८ १७१५० २४४१२.२ ५४ | ६ | ३२ | अपूर्ण/३२४ १७४६ वि.| इसमें चार अध्यायों में यजुर्वेदीय मन्त्रों (आश्विनशुक्ल की विशिष्ट व्यवस्था समझाई गई है भौमवार) १८४६ ३ | ७ | २० पूर्ण/१३ १४४१० पूर्ण/१४ २३४९ पूर्ण/१९९९ १६.५४१० ५ । पूर्ण/३१९ | १९४१ वि०| इसमें 'वाजसनेय संहिता' का प्रसिद्ध रुद्राष्टाध्यायी भाग प्रतिपादित है मन्त्रों के स्वर चिह्नित भी है २४.२४११.५ | १५ | अपूर्ण/२१९ ९ | १६ | पूर्ण/७५ १९४८ ४० | ६ | २० पूर्ण/१५०

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 514