Book Title: Sangha Kartvyadi Praja Samaja Kartavya Granth
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सर्व م س س م ا ॥ संघकर्तव्यादिग्रन्थानां शुद्धिपत्रम् ॥ पृष्ठ श्लोक पंक्ति अशुद्धं शुदं सव ३ २२ ५ ददत्स्वभोग संघार्थ, ददद्भोगं स्वसंघार्थ शंसंजानन् शमाजानन् ४ ३० २ मोहवारक मोहवारक: माचर माचरेत् प्रजासमाजकर्तव्यग्रन्थः १९ २० प्रकारेदक्षः प्रकारदक्षः निराश्रितानां निराश्रितस्य ज्योतिषं वहे ज्योति रावत ५४ १० वन्हिः १९ ७७ १६ शोकविनाशकग्रन्थः २३ ११२ ६ मात्म्यैक्य मात्मैक्य भ्राम्यती भ्राम्यति २८ २६ १४ संधारयः संधारय २६ १५ संपूरयन् संपूरय भवेतदा भवेत्तदा ३६ १३ यदाऽत्मनो यदाऽऽत्मनो ३१ ४१ ८ ऽन्तोनि हिंसा ऽन्तर्निहिंसा ३६ ७३ ११ निरत्ययाऽत्मा निरत्ययाऽऽत्मा ३३ ५२ १० नियोजिते वियोजिते वहिः धर्म धर्म For Private And Personal Use Only

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