Book Title: Samayik Sutra
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 8
________________ : ६ : एव तात्त्विक विवेचन से अवगत कराए, हमारी कल्पना साकार हो चुकी है। श्रद्धय कविश्री उपाध्याय अमरचद्रजी महाराज की कृपा एव आशीर्वाद के अर्घ्यस्वरूप हम सुधी पाठको के समक्ष, सामायिकसूत्र का यह तृतीय सशोधित एव परिवद्धित सस्करण प्रस्तुत करते अपार गौरव की अनुभूति कर रहे है । इसमे कवि श्रीजी की व्रत एवं धर्मपरक नितान्त मौलिक एव तात्त्विक चितना को सर्वसाधारण के व्यवहारयोग्य सरल एव बोधगम्य भाषा-शैली मे संजोया गया है । हमे विश्वास है, धर्मप्रेमी सज्जन, पूर्व की भाँति इस सस्करण को भी हृदय से अपनाएँगे तथा अपना अमूल्य सुझाव देकर हमे इस दिशा मे बल प्रदान करेंगे । सामायिक सबके लिए मगलमय हो ! मंत्री, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा

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