Book Title: Samaya Sara
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 72
________________ ११८ कुन्दकुन्द-भारता सफेद करनेवाली होनेसे परकी नहीं है उसी प्रकार जीव परको त्यागनेसे संयत नहीं है, किंतु स्वयं संयतरूप है। जिस प्रकार खड़िया परकी होनेसे खड़िया नहीं है, किंतु स्वयं खड़ियारूप है उसी प्रकार जीव परका श्रद्धानी होनेसे श्रद्धानरूप नहीं है, किंतु स्वयं श्रद्धानरूप है। ऐसा ज्ञान, दर्शन तथा चारित्रके विषयमें निश्चय नयका कथन है। अब व्यवहार नयका जो वचन है उसे संक्षेपसे सुनो। जिस प्रकार खड़िया अपने स्वभावकर दीवाल आदि परपदार्थोंको सफेद करती है उसी प्रकार ज्ञाता आत्मा परपदार्थों को अपने स्वभावके द्वारा जानता है। जिस प्रकार खड़िया परपदार्थको सफेद करनेसे खड़िया नहीं है, वह स्वयं खड़िया है उसी प्रकार आत्मा स्वयं परद्रव्यको देखता है इसलिए द्रष्टा नहीं है, किंतु स्वस्वभावसे दर्शक होनेसे दर्शक है। जिस प्रकार खड़िया अपने स्वभावसे परपदार्थको सफेद करती है उसी प्रकार ज्ञाता आत्मा भी अपने स्वभावसे परपदार्थको त्यागता है। जिस प्रकार खड़िया अपने स्वभावसे परद्रव्यको सफेद करती है उसी प्रकार सम्यग्दृष्टि स्वभावसे परद्रव्यका श्रद्धान करता है। इस प्रकार ज्ञान-दर्शन-चारित्रके विषयमें व्यवहारका निश्चय कहा। इसी तरह अन्य पर्यायोंके विषयमें भी जानना चाहिए। ।३६-३५६-३६५ ।। आगे अज्ञानसे आत्मा अपना ही घात करता है यह कहते हैं -- दंसणणाणचरित्तं, किंचिवि णत्थि दु अचेयणे विसये। तम्हा किं घादयदे, चेदयिदा तेसु विसएसु।।३६६।। दंसणणाणचरित्तं, किंचिवि णत्थि दु अचेयणे कम्मे। तम्हा किं घादयदे, चेदयिदा तेसु कम्मेसु।।३६७।। दसणणाणचरित्तं, किंचिवि णत्थि दु अचेयणे काये। तम्हा किं घादयदे, चेदयिदा तेसु कायेसु।।३६८।। णाणस्स दंसणस्स य, भणिओ घाओ तहा चरित्तस्स। णवि तहिं पुग्गलदव्वस्स, कोवि घाओ उ णिद्दिट्ठो।।३६९।। जीवस्स जे गुणा केइ, णत्थि खलु ते परेसु दब्वेसु। तम्हा सम्माइट्ठिस्स, णत्थि रागो उ विसएसु।।३७०।। रागो दोसो मोहो, जीवस्सेव' य अणण्णपरिणामा। एएण कारणेण उ°, सद्दादिसु णत्थि रागादि।।३७१।। दर्शन ज्ञान चारित्र, अचेतन विषयोंमें कुछ भी नहीं हैं इसलिए उन विषयोंमें आत्मा क्या घात करे? १. भणिदो। २. घादो ३. णवि तम्हि कोवि पुग्गलदव्वे घादो दुणट्ठिदो। ४. सम्मादिहिस्स ५. जीवस्स दुजे अणण्णपरिणामा। ६. एदेण। ७. दु ज. वृ. ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79