Book Title: Samadhi Sadhna Aur Siddhi
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Digambar Jain Vidwat Parishad Trust

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Page 5
________________ प्रकाशकीय श्री अ.भा. दि. जैन विद्वत्परिषद् ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित होनेवाली नवीन पुस्तकों की श्रृंखला में 'समाधि-साधना और सिद्धि' पण्डित रतनचन्दजी भारिल्ल की नवीनतम कृति है जिसका प्रकाशन निश्चय ही गौरव का विषय है। सिद्धान्त चक्रवर्ती आ. श्री विद्यानन्दजी की प्रेरणा से जब विद्वत् परिषद् ट्रस्ट कमेटी द्वारा साहित्य प्रकाशन का निर्णय लिया गया तो सभी को यह कार्य रुचिकर लगा। इस निर्णय से एक लाभ तो यह है कि विद्वत्परिषद् के रचनात्मक कार्य को बल मिलेगा और दूसरा सबसे बड़ा लाभ समाज को सस्ती दरों पर श्रेष्ठ साहित्य मिलेगा। ट्रस्ट के माध्यम से अध्यात्म बारहखड़ी, मंगलतीर्थ यात्रा, चतुरचितारणी, इष्टोपदेश, ज्ञानामृत, क्षत्रचूड़ामणि परिशीलन, जैन जाति नहीं धर्म है, श्रावकाचार : दिशा और दृष्टि, शुद्धोपयोग विवेचन, बसंत तिलका, क्षत्रचूड़ामणि तथा प्रतिबोध जैसी बारह पुस्तकों का प्रकाशन अब तक हो चुका है। समाधि-साधना और सिद्धि अनेक पुस्तकों के लोकप्रिय लेखक विद्वत्वर्य पण्डित श्री रतनचन्दजी भारिल्ल की नवीनतम कृति है। आशा है इस लघु कृति के माध्यम से आप सभी समाधिसाधना और सिद्धि के वास्तविक अर्थ को समझेंगे और अपने आत्मकल्याण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इसी आशा और विश्वास के साथ। अखिल बंसल संयोजक, साहित्यप्रकाशन समिति, श्री अ.भा.दि. जैन वि.प. ट्रस्ट

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