Book Title: Salibhadra Dhanna Charit na Karta tatha ene Anushange Ketluk
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: ZZ_Anusandhan

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ वचनने अनुसरीने धर्मबोधनी आ कथा कहेवामां आवी छे' - परंतु एमां श्लेषथी कविए पोतानुं नाम गूंथ्युं छे एम मानवू जोईए. मतिसार 'मतिसार' शब्द 'मति अनुसार, बुद्धि अनुसार ना अर्थमां वपरातो होवानो एक दाखलो उपर आप्यो छे. 'जैन गूर्जर कविओ'नां पानां फेरवतां बीजा घणा दाखला मळी आवे तेम छे. एक वधु दाखलो नोंधीए : मि माहारी मतिसार कीधो, सेवी पंडितपाइ जी. (ऋषभदासकृत 'समक्तिसार रास', जै.ग.क., बी.आ., ३,४५, 'मतिसार'ने कर्तानाम मानी लेवानी भूल थई गयाना पण बीजा दाखला जडे छे, जेमके, जिनवर्धमाननी 'धन्नाऋषि चोपाई' नीचेनी पंक्तिने कारणे पहेलां मतिसारने नामे मुकायेली : ए संबंध रच्यो मतिसार,स नवम अंग अणुंसारै जी. परंतु एमां आगळनी पंक्तिमा कर्तानाम स्पष्ट छे अने उपरनी पंक्ति एना अनुसंधानमां ज वांचवानी छ : तस शिष्य जिनवधमान जगीस, आसो सुदि छठि दिवसैजी, संवत सत्तर दाहोत्तर वरसै, खंभाइत मन हरसैंजी, ए संबंध रच्यो मतिसारै... पछीथी, आ कारणे, कृतिने जिनवर्धमाननी गणवानी थई. (जुओ जैन गूर्जर कविओ, बी.आ., ४,१६९-७०) ___'जैन गूर्जर कविओ'मां मतिसारने नामे बे कृतिओ मूकी ए कर्तानाम खरं होवा विशे संशय दर्शाववामां आव्यो छे. (बी.आ., ३, ३३६,३७) ने एमांनी एक कृति 'चंदराजा चोपाई' करमचंदने नामे मळे छे जेमा 'मतिसारइ मइ कीउ प्रबंध' एवी पंक्ति आवे छे. ('बे कर जोडी कहे करमचंद' एवी पंक्ति पण छे ज.) श्लोकसंख्या ६५६ ने ६९६ पण मळती ज कहेवाय. बीजी कृति 'गुणधर्म रास'नी आवी चावी मळती नथी, पण एमांये भूल थई होवानी शंका निराधार नथी. [14] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6