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साध्वी व्याख्यान निर्णयः
मनमानी खरतर गच्छ की निन्दा की वातें लिख कर ट्रेक्ट छपवा देते हैं उनको दूसरी जगह अपने परिचय वालों में तथा अपने भक्तों में प्रचार करते हैं और खरतर गच्छ के साधुसाध्वी तथा आगेवान श्रावकों के पास न पहुंचने पावे इसकी भी खूब सावधानी रखते हैं और फिर आप मिथ्या घमंड की बातें बनाते हैं कि-खरतर गच्छ वाले जवाब नहीं देते हैं यह कूट नीति की मायाचारी है ऐसी जालसादी से आप अपनी आत्मा को भारी क्यों करते हैं । आपका खास कर्तव्य है कि-खरतर गच्छ के मुख्य २ साधु-साध्वी तथा प्रागेवान श्रावकों के पास कमसे कम २५ जगह सब ट्रेक्ट भेज देना चाहिये।
इस जवाबी रजिस्टर पत्र का उत्तर १५ या २० दिन के अन्दर नहीं आया तो हम छपवाना शुरू करेंगे।
२२.६-४२।
शुभम्
विनयसागर ____ सज्जन ! पाठकगण ! ऊपर के पत्र व्यवहार से आप समझ गये होंगे कि-शानसुन्दर जी में धर्म न्याय का शासनहित का कितना विवेक है।
श्री जिनमणिसागरसूरिजी म.
की आज्ञा से
मुनि-विनयसागर
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