Book Title: Rishibhashit ka Darshanik Adhyayana
Author(s): Pramodkumari Sadhvi
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 10
________________ डॉ. साध्वी प्रमोदकुमारीजी इस संबंध में गुरुभगिनी श्री कुशलकुँवर जी एवं श्री पुष्पकुंवरजी का सहयोग और साध्वी श्री चेतनाजी, वंदनाजी और प्रेक्षाजी की सेवा विशेष रूप से स्मरणीय है। इसी संदर्भ में स्थानीय श्रीसंघ, घोड़नदी के मित्र-मण्डल और श्री मदनलालजी, तेजकुमारजी, देवेंद्रकुमारजी, बहन सुभद्रा, इन्दु, कमलाबाई, वीणाबाई आदि श्रावक-श्राविकाओं की सेवा एवं सद्भाव भी स्मरणीय है और सभी के मंगल की शुभकामना करती हूँ। मेरे लिए आज यह प्रसन्नता का विषय है कि दीर्घकालिक प्रतीक्षा के पश्चात् यह शोधग्रंथ डॉ. सागरमलजी जैन के प्रयत्नों और श्री गुजराती बीसा पोरवाड़ धार्मिक एवं पारमार्थिक न्यास, शुजालपुर एवं मुथा परिवार, उज्जैन के अर्थ सहयोग से प्राच्यविद्यापीठ द्वारा प्रकाशित हो रहा है। इस अवसर पर डॉ. सागरमल जैन प्रकाशक संस्था प्राच्यविद्यापीठ एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ तथा प्रुफ संशोधक डॉ. श्री तेजसिंहजी गौड़ मुद्रक आकृति ऑफसेट आदि सभी के प्रति मंगलकामना करती हूँ। - साध्वी प्रमोदकुमारी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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