Book Title: Rishabhdev Ek Parishilan Author(s): Devendramuni Publisher: Sanmati Gyan Pith AgraPage 181
________________ आदिमं पृथ्वीनाथम्, आदिमं निष्परिग्रहम् । आदिमं तीर्थनाथ च, ऋषभस्वामिनं स्तुमः ॥ -प्राचार्य हेमचन्द्र आदिपुरुष आदीश जिन, आदि सुबुद्धि करतार । धर्मधुरंधर परम गुरु, नमो आदि अवतार ॥ -पाण्डे हेमराज Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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