Book Title: Ratnasagar Mohan Gun Mala Author(s): Muktikamal Gani Publisher: Jain Lakshmi Mohan Shala View full book textPage 6
________________ २ ॥ ॥ रत्नसागर प्रथमन्नाग सूचीपत्र. ॥ ॥ ॥१३॥ दश पञ्चक्खाण आगारार्थः। ......... ......... ३३ ॥१४॥ दश पञ्चक्खाण आगारसंख्या गाथा .... .... ॥१५॥ मुहपत्ती पमिलेहण, सुत्र अर्थ साचो सरदहुं। .... ॥१६॥थापनाचार्यकी १३ पमिलेहण बोल। .... ॥१७॥ आलोयण, आजूणा चौपहर रात्री तथा दिवश। ॥१८॥ पक्खी, चौमाशी, संवन्चरी, वृध अतीचार। .... .... ॥१९॥ जयतिहुण वत्तीशी, श्रीअन्नय देवसूरी कृत ।.... ॥२०॥ परकीसूत्र, तित्थंकरेय तित्थे।.... .... ॥२१॥पादिक खामणा पाठ। .... .... .... .... ॥२२॥ (साते स्मरण) अजियंजिय सवनयं १ ॥ २३॥ नल्लासिक्कम नक्ख निग्गय पहा० २.... ॥२४॥ नमिकण पणय सुरगण, स्तोत्र ३। .... ॥२५॥ तंजयन जए तित्थं ॥४॥...... .... ॥२६॥ मय रहियं गुण गण रयण सायरं ५ ॥२७॥ सिग्घ मवहरन विग्धं० स्तोत्र ६ । .... ॥२८॥ नवसग्ग हरं पासं० स्तोत्र ७।.... .... ॥२९॥ लघुशांति, शांति शांति निशांतं। .... ॥३०॥ बमी शांति, जोलो नव्याः शृणुतवचनं । .... ॥३१॥ दूजकीथुई, (महीममणं पुन्नसोवन्नदेहं ) ॥३२॥ पंचमीस्तुतिः, (पंचानंतकसु प्रपंच०)। ॥३३॥ अष्टमी स्तुतिः, (चन्वीशे जिनवर०)। .... ॥३४॥ सर्वदिन स्तुतिः (मूरति मनमोहन०)। ..... ॥३५॥ दशमीस्तुतिः, (अश्वशेन नरेसर०)। ॥३६॥ एकादशी स्तुतिः, (अरस्य प्रबज्या०)। ..... ॥३७॥ चतुर्दशी स्तुतिः, (नै दें कि धपमप०)। .... ॥३८॥ चैत्री पूनम स्तुतिः, (सेठंजगिरिनमियै०.)..........Page Navigation
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