Book Title: Rashtrabhasha Shabdakosh
Author(s): Sahityaratna
Publisher: Vora and Company Publishers Limited

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सध्यागु] [२५५ सध्यागु-वि० उत्पाती पु० ऊधमी अ५-स्त्री. उधेड़ स्त्री० मरा-श्री. बाधा स्त्री० रुकावट | सह-वि. भारी आवाज वाला सर-स्त्री. बाधा स्त्री० रुकावट | महस-वि० अटल घि• गैरमनकूला अर-१०० रुकना अ० क्रि० | सवालियु-न० सप्ताह पु० हफ्ता ठहरना भग-वि० परिपक्व पु० पक्का सण-स्त्री. युक्ति स्त्री. अटकल -स्त्री० घाघरेका नाड़ा पु० मायत-स्त्री. अंतराय स्त्री० रुकावट | असाध-स्त्री. आठ दिनोंका धार्मिक साप-पु. श्रापत्त स्त्री० एतराज उपवास पु०. 4211४-स्त्री. लड़कियोंका एक माग-10 आश्रय पु. सहारा खेल १३-२त्री० अड़चन नी० रुकावट मटन-न० प्रवास पु० परदेशमें होना | अतु-न० सरल कार्य स्त्री०सहल काम ५८५९-वि. अटपटा पु० झुंझलाने- :-स० ० स्पर्श करना स० वाला क्रि० छुना अस-वि. स्थिर वि० गैरमनकूला | अ५- १०० अटकाना स० सवा-म० ० व्याकुल होना क्रि० रोकना अ० क्रि० घबराना 2 3 -10 आसपास श्र० आजूमटवी-वि० स्त्री. जंगल पु० बाज़ मर-वि० पंगु पु० लँगड़ा 431-वि० दृढ़ वि० मजबूत मटा-स्त्री. मेडी स्त्री० अटारी सत्य-स्त्री. बाधा स्त्री० रुकावट टाळ-२त्री. वंचकता स्त्री० ठगाई | 23तला-पु. आश्रय पु० सहारा मटा-१० अभी अ० इसी. वस्त । मध्यम-१० परिश्रम पु० मेहनत मटार-स्त्री० धूल स्त्री० गर्द हावा-• अशक्त पु० निढाल मटारी-स्त्री. गवाक्ष .. झरोखा उधा-पु. आठ आनाको कीमतका अटि२-० ढेर पु० सिक्का पु० अठन्नी मटी-वि० परिव्राजक पु० ५३५-स्त्री० आग्रह पु० जिद्द भटू-वि० निस्संग पु० अकेला १५-वि० उत्पात पु० ऊधम अटेड:-वि० सीधा वि. १५-408. साइस पूर्वक जुटा अटेर-१० अटेरना पु. रहना १० कि० For Private and Personal Use Only

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