Book Title: Rajprashniya Sutra Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ ___आकी दैनिक जीवनचर्या में सामायिक प्रतिक्रमण व्रत, पच्चक्खाण मुनिदर्शन आदि आवश्यक अंग हैं। इन कामों में आप कभी प्रमाद नहीं करते । प्रतिवर्ष बाहर जावर मुनिदर्शन वा भी समय समय पर लाभ लेते रहते हैं। आप की उदारता सर्वतोमुखी है। आप अपनी जन्मभूमि कोठडी में निजी खर्च से अस्पताल बनाकर सरकार को अर्पण करने की भी उत्कट इच्छा रखते हैं। आपका इस समय निवास मारवाड में अजित गांव जि.जोधपुर में है । आपने वि.सं. २०१३ की साल में कोठडी छोड दिया था। आपकी धार्मिक भावना इसी प्रकार उत्तरोत्तर चढती रहे यही शुभ कामना है।

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 499