Book Title: Rajasthan ke Prakrit Swetambar Sahityakar
Author(s): Devendramuni Shastri
Publisher: Z_Ambalalji_Maharaj_Abhinandan_Granth_012038.pdf

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Page 7
________________ 462 | पूज्य प्रवर्तक श्री अम्बालालजी महाराज-अभिनन्दन ग्रन्थ 12 000000000000 000000000000 . 'चक्किदुगं हरिपणगं, पणगं चक्कीणं केसवो चक्की / केसव चक्की केसव दु चक्की, केसी अ चक्की अ॥ --आवश्यक नियुक्ति गाथा 421 10 'धर्मतो याकिनी महत्तरा सूनुः -आवश्यक वृत्ति 11 सिंघी जैन ग्रन्थमाला भारतीय विद्याभवन बम्बई से प्रकाशित देखिए-डॉ. हर्मन जेकोबी ने समराइच्च कहा का सम्पादन किया, प्रो० सुवाली ने योगदृष्टि समुच्चय, योगबिन्दु, लोकतत्त्व निर्णय एवं षड्दर्शन समुच्चय का सम्पादन किया और लोकतत्त्व निर्णय का इटालिन में अनुवाद किया। 13 सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्याभवन बम्बई वि० स० 2005 मुनि जिनविजय जी 14 तुणमलंघं जिण-भवण, मणहरं सावयाउलं विसभं / जावालिउरं अट्ठावयं व अह अत्थि पुहइए / –कुवलयमाला प्रशस्ति, पृ० 282 15 सुरसुन्दरीचरियं की अन्तिम प्रशस्ति गाथा 240 से 248 / 16 भगवती, ज्ञाता, समवायाङ्ग, स्थानाङ्ग, औपपातिक की वृत्तियों में प्रशस्तियाँ / 17 महावीरचरियं प्रशस्ति / 18 सम्पादक-अमृतलाल, सवचन्द गोपाणी, प्रकाशन-सिंघी जैन ग्रन्थमाला, बम्बई संवत् 1646 दो पक्खुज्जोयकरो दोसासंगणवज्जिओ अमओ। सिरि सज्जण उज्जाओ, अउवच्चं दुव्वअक्खत्थो / सीसेण तस्स कहिया दस विकहाणा इमेउपंचमिए / सूरिमहेसरएणं भवियाण बोहणट्टाए॥ -णाण 101466-467 विधिप्रथा सिंघी जैन ग्रन्थमाला बम्बई से प्रकाशित / 21 प्रकाशक वही 22 प्रकाशक-सिंघी जैन ग्रन्थमाला, बम्बई प्रकाशक-वही 24 नागउर-जिणायज्जणे समाणियं विवरणं एयं' -धर्मोपदेशमाला, प्रशस्ति 26, पृ० 230 25 तीर्थङ्कर वर्ष 4, अंक 1, मई 1674 26 मणिधारी श्री जिनचन्द्रसूरि, अष्टक शताब्दी स्मृति ग्रन्थ 'जोइसहीर'-महत्त्वपूर्ण खरतरगच्छीय ज्योतिष ग्रन्थ लेख पृष्ठ 65 27 (क) प्रभावक चरित्र, भाषान्तर, पृष्ठ 187 / प्रकाशक-आत्मानन्द जैन सभा, भावनगर वि० सं० 1987 में प्रकाशित / (ख) जैन परम्परा नो इतिहास भाग 1, पृ० 356 से 361 28 मणिधारी श्री जिनचन्द्रसूरि अष्टम शताब्दी, स्मृति ग्रन्थ 20 SEELES परा manJain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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