Book Title: Pushpa Prakaran Mala
Author(s): Purvacharya
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 300
________________ अहारएं- आहारक सरिया - साथे कसाइणो- कषाय कु· शीलने मूल तथा भाषांतर. छ-छ ( २९५ ) 1 के लिय-केपलिक समुग्धाओ - समुद्घात इको-एक पहायस्त- स्नातकने नीयंट्ठप-निग्रन्थने नत्थि - नथी अर्थः- कपाय कुशीलने आहारक साथै छ समुद्घात. निग्रन्थने समुद्घात नथी. तथा स्नातकने एक केवली समुद्घात होय. ९७ विवेचनः - कषाय कुशीलने पूर्वे कहेली पांच समुद्घातमां आहारक वधारतांछ समुद्घात होय. एक केवली समुद्धात न होय. निग्रन्थने कोइ पण समुद्घात न होय. तथा स्नातकने तेरमे गुणठाणे आठ समय प्रमाणनी केवली समुद्घात होय. ९७ लोग असंखिज्जइमे भागे पंचन्हं होइ ओगाहो । व्हायरस असंखिज्जा, असंखभागेसु लोए वा ॥ ९८ ॥ दा. ३२ जोगाहो - अवगाहना असंखभागेसु-असं लोग- लोकना अलं खिज्जइमे मागे - अ - - संख्यातमा भागे पंचण्डं - पांचनी डायस्स - स्नातकनी ख्यातमा भागे असंख्याती लोगस्स - लोकना अर्थ:- पांचनी लोकना असंख्यातमा भागनी अवगाहना, स्नातकनी असंख्याती अथवा लोकना असंख्यातमा भागनी. ९८ विवेचन :- हवे ३२ अवगाहनाद्वार कहे छे. स्नातक सिवायना पांच निग्रन्योने लोकना असंख्यातमा भागनी अवगाहना होय. Faran शरीरस्थ होय त्यारे लोकने असंख्यातमे भागे अवगाहना होय. वळी केवली समुद्घातमां दंडादिक करे असंख्यातमो तथा संख्यातमो भाग अवगाहे अने लोक पूरे त्यारे सर्व लोक जेटली जीवनी अवगाहना होय. जीवना प्रदेशों लोकाकाश प्रदेश जेटला डोवासी ९८

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