Book Title: Puratana Prabandha Sangraha
Author(s): Jinvijay
Publisher: ZZZ Unknown
________________
पुरातनप्रबन्धसङ्ग्रह
ho
इन्द्रजाल विद्या
४४
cho
ईश्वरसूरि
२४
b
१२
२२
१४
उज्जयन्त
४२, ९८ उज्जयिनी १, २, १२, २३, ३१,
३८, ९७ उर्जित सेल उजिलसिहर। उत्तरमथुरा उत्तररामचरित्रगान उदयचन्द्र
१२५ उदयन ३२, ३४, ४२, ४३, १२३,
१२४, १२६ उदयप्रभ ।
६४, ७६० उदयप्पह । उदयराज
१३६ उदयसिंह उदयसीह ।
१०२ उपदेशमाला [ग्रन्थ ]
१०६ उपदेशमाला-वृत्ति
१०७ उमा
१०, ११६ उमापतिधर - उरंगल [पत्तन]
१४, ४४
कान्यकुब्ज
८८, १०३, १२८ कान्हड देव [ नडला] कान्हाक कामन्दकीनीति
१२५ कामल कामला कामिकतीर्थ
८४ कालदण्ड
१०९ कालिका [देवी] कालिकाचार्य
११, १२ कालिङ्गीयक
४६ कालिदास
१०,७४, ११६ काली देवी
११६ काशी
६, १०३ काश्मीर कासगृह ) कासद्रा [ग्राम]
१२८ कासहद ) काह्नडदेव
१०२ किराडू
२३
१०२ कुङ्कण कुण्ड(ण्डि)गेश्वरप्रासाद ३८,१२३ कुन्ती
२६
१३६
१३५
कटक [नगर] कडी [ग्राम] कण्टेश्वरी [देवी]
४१, ४२ कण्ठाभरण [व्याकरण] १३१ कदुबदीन [पातसाहि] १३५ कन्यकुब्ज
१२, ९८ कपर्दि [मंत्री] कपर्दि [यक्ष] ४८,६४,६६,७०,१०१ कपर्दिबारिका
१८. कपर्दियक्षप्रासाद
६४ कपिल
९४, १०४ कपिलकोट कपूरी
२४ कमलकेदारा [ वापी] कमलादित्य कमलादेवी
९८ कयलोषरी [ग्राम] करणउन (कर्णपुत्र)
३५ करडाक करम्बकविहार
१२५ कर्णउत्त (त्र) २३, ३४, ३५, १३४ कर्ण [चौलुक्यवंशीय] ९६, १२३ कर्ण [डाहलदेशीय ] २३, १२६, १३१ कर्णदेव कर्णवारी कर्णाट
२७ कर्णाटेश
१४ कर्णावती
२७, २८, १२६ कर्मसिंह कर्पूरदेवी कस्तुरी
२४ कस्मीर कलिङ्ग
१२६, १३४ कल्याणकटक
१०७, १२८ कांऊ कांथडिक [ तापस]
१२८ काकरग्राम
१२, १२८
१३
कीतू
कुबेर
१११
१२२
२७, १२६
उदा ।(उदयन) अदाका जदावसही ऊपरमालपर्वत ऊपरवट [अश्व] ऊमादे
कुमर (कुमारपाल)
१२३ कुमरविहार कुमरिक (कुमारपाल) ३८,३७ कुमारदेव (कुमारपाल) ३४ कुमारदेवी ३७, ३८, ३९, ४१,४४४७, ५२, ५३, ५५,५८,
६५, १२३ कुमारदेवीसर कुमारपाल कुमारसंभव [काव्य] १०, ११६ कुमुद [पण्डित ] कुमुदचन्द्र
२७-३०, १२० कुम्भीपुर कुमरड (कुमारपाल) - ४७
१३४
ऋषभदेव ऋषभप्रासाद ऋषभबिम्ब
२४
ओ
काकू
ओजेनिनदी ओढरजाति
११४
. १३१
कइंबास [मंत्री] कच्छदेश कच्छेश्वर
१९,२१
कातन्त्र [व्याकारण] कादिक कानडा [राग] कान्ति
कान्ती | कान्तीपुरी)
८६, ८७
११५
कुलचन्द २५, ३० २४, ९१,९५ । कृष्ण
कहाडि
९३, १४, १०८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220